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28 Nov 2022 · 1 min read

*फूलमाला (मुक्तक)*

*फूलमाला (मुक्तक)*
————————————————–
गले में मोतियों का हार कर देता उजाला है
कदाचित सत्य है होता बड़ा सुंदर दुशाला है
गगन से जोड़ती है किंतु ऋतु की गंध ही आकर
अनूठी दिव्यता करती सृजन बस फूलमाला है
————————————————–
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
58 Views
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