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4 Jun 2024 · 1 min read

फुलवा बन आंगन में महको,

फुलवा बन आंगन में महको,
बेटी खुशियाँ से तुम चहको।
मिल जाएँ लम्बी उमर तुम्हे,
जीवन हो तुम्हारे सौ बरसों ।
नित नई ऊंचाई पर चढ लो,
रोशनी बनो नित तुम हर्षो।
कभी कमी न हो संस्कारो में,
पढ लिखकर शिखरो को परसो।
सुख मिले तुम्हे इतना बेटी,
दुःख क्या है जानने को तरसो।
* बेटी आकृति के जन्म दिवस की अशेष मंगलकामनाए

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