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26 Jan 2023 · 1 min read

*फुलझड़ी ही छोड़िए 【मुक्तक】*

*फुलझड़ी ही छोड़िए 【मुक्तक】*
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
देह में यदि प्राण हैं, तो श्वास होना चाहिए
भीतरी मधुरिम सहज, उल्लास होना चाहिए
बम नहीं तो एक छोटी फुलझड़ी ही छोड़िए
आप जिंदा हैं, सतत आभास होना चाहिए
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
51 Views
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