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13 Feb 2022 · 9 min read

फिल्म – कब तक चुप रहूंगी

पेज =16
फिल्म – कब तक चुप रहूंगी स्क्रिप्ट रौशन राय का
मोबाइल नंबर – 9515651283/7859042461
तारीक – 09 – 02 – 2022

तो पी ए पहले ये पता लगाता है कि विसंबर नाथ के मन में क्या चल रहा है
तों पी ए उनके मन के बात को जानना चाहा और कहा

पी ए – मालिक रोहित/विशाल बाबु को कभी आपका याद नही आया जो आपके लिए एक काॅल भी करता।

विसंबर नाथ – तो क्या हुआ वो नहीं काॅल किया तो क्या वो मेरा बेटा नहीं है
हमें तो यहां तक पता लगा है कि हमारे बेटा को उस गलत काम के दलदल में कोई और फसाया है मैं पता लगा के उस आदमी को जेल अवश्य भेजवाऊंगा

पी ए – हां हां ऐसे आदमी को जेल तो होना ही चाहिए और मालिक मैंने सुना है रोहित/विशाल बाबु शादी कर लिया है वो भी कोर्ट में

विसंबर नाथ हां शादी कर लिया

पी ए – छी छी वो भी कोर्ट मैरिज कुछ भी कहिए मालिक आपका बेटा रोहित/विशाल बड़ा ही कमीना निकला और उससे भी तो बेकार वो लड़की निकली जो ऐसा घटिया लड़के के साथ अपने बाप का नाक कटा कर कोर्ट मैरिज कर लिया

विसंबर नाथ बड़े कड़े शब्दों में पी ए ये तुम क्या बोल रहा है जैसा भी है वो ही मेरा बेटा है हमारे बच्चों के बारे में कभी भी ऐसे वैसे शब्दों का इस्तेमाल मत करना वर्णा ठीक नहीं होगा कोर्ट मैरिज कोई गलत नहीं है एक दुसरे को पसंद करने के बाद ही नौजवान ये शादी करते हैं और मैं इस शादी से खुश हूं बहुत जल्द ही मैं अपने बहूं को अपने घर ले आऊंगा

पी ए – तो विसंबर नाथ का बात सुनकर तो सोचने लगा यदि इस बुढ़े को हमारे बारे में पता चल गया कि हम ही इसके बेटे को लड़की को गुमराह करके और बेच देने का रास्ता दिखाया था यहां तक कि एक दो बार साथ भी दिया था फिर तो मेरा दौलत हथियाने का प्लान चौपट हो जाएगा हमें कुछ न कुछ करना जरुर पड़ेगा

तो पी ए का मुलाकात राॅकी से हुआ जब एक दूसरे का बात सुना तो राॅकी ने कहा हम भी इसी दिन के इंतजार में थे मैं भी उस राधा के बच्ची का तों मैं वो हाल करुंगा कि सारा जमाना देखते रह जाएगा

पी ए राॅकी तेरा दुश्मन वो राधा है और मेरा विसंबर नाथ और उसका बेटा रोहित/विशाल

राॅकी तो हमारा और आपका दुश्मन एक हैं तो हम दोनों एक होके ही उसके सारे परिवार को अपने कंधे पर शमशान लें जाएंगे

विशाल राधा को हर तरह से जलील करता है उन बाजार के लड़कियों के पास।

ये सब देख कर कृष्णा को बर्दाश्त नहीं होता है तो उसने दिवार पर मुक्के मारने लगता है और बाहर से आये लड़की को हाथ पकड़कर निचे झटक देता जिससे वो लड़की जमीन पर धड़ाम से गिर जाती है और नखड़े करके रोने लगती है

हाय हाय मैं मर गई मेरा पैर टुट गया इसका हाथ है की हथोड़ा

इस पर विशाल ने कृष्णा को दोनों गाल में थप्पड़ जड़ दिया और बोला हरामजादें तेरी इतनी हिम्मत की तु हमारे मेहमान पर हाथ उठाता है।

कृष्णा बर्दाश्त कर लेता हैं।

अब जुवेर को पुलिस लें जाता है और कोर्ट कहता है कि यदि ये सब कुछ बता देता है तो ठीक है नहीं तो दो दिन कि रिमांड पर लिया जाएगा फिर उमर कैद का सजा

पुलिस के लाख कोशिश पर जब जुवेर कुछ नहीं बताया तो उन्हें दो दिन के रिमांड पर लिया गया उसके बाद भी जब जुवेर ने कुछ नहीं बताया और जब पुलिस जुवेर को छोटा जेल से बड़ा जेल लेके जा रहा था तो जुवेर ने चुपके से एक इंस्पेक्टर का रिवाल्वर उसके कमर से खींच लिया और उसके ओर तान दिया फिर भागने की कोशिश की दोनों तरफ से गोलीबारी हुई एक सिपाही के बाजू पर गोली लगा फिर इंस्पेक्टर ने निशाना लगाकर उसके पैर पर गोली मारना चाहा पर जैसे ही गोली चली की जुवेर बैठ गया की गोली उसके छाती पर लगा और वो तुरंत मर गया

अव राॅकी को और पी ए को विशाल का खोज था पी ए राॅकी को कहा कि रोहित/विशाल और राधा को खोज कर मार डालों उसके बाद ये दोनों जगह का धन में से एक जगह का तुम ले लेना और दुसरे जगह का मैं दोनों का बात तय हो गया और राॅकी विशाल राधा को ढूंढने लगा

अब विशाल के घर पर पुलिस ने रेड मारी और विशाल खुद बच कर निकल गया राधा और कृष्णा को छोड़ दिया उस बाहर से आये लड़की को पुलिस पकड़ लिया लेकिन राधा विशाल के पिछे दौड़ी क्यों की कुछ भी हो विशाल उसका पति था और कृष्णा राधा के पिछे इसी दौरान राॅकी ने विशाल को पकड़ लिया कि राधा राॅकी के पास पहुंची और बोली कमीना छोड़ मेरे पति को

राॅकी बोला क्या बात है आज तो मेरे दोनों दुश्मन हमारे हाथ लग गया तब तक दौरते कृष्णा भी पहुचा

राॅकी कृष्णा को देखते हुए बहूत जोड़ से हसा और उपर देखते ही दोनों हाथ हिलाकर बोला वाह उपर वाले वाह तु इतना मेहरबान हम पर होगा मैं ये कभी सोचा भी नहीं था कि एक साथ तिनों दुश्मन मेरे कब्जे में आ गया इसके लिए उपर वाले तुम्हें लाख लाख धन्यवाद

राॅकी ने पहले कृष्णा को मारा और कहा तु मेरा दुसरा दुश्मन है इन राधा के बाद ये काॅलेज के समय से ही मुझे बार बार जलील की है मैं आज इस हसिना से उन सब अपमानों का बदला लूंगा समझ गई मेरी काॅलेज फ्रेंड

और तु साला कवाव में हड्डी बनने तु उस खंडहर में आ गया और हिरो बन बैठा और साले काम कितना घिनौने करता है अरे तुम्हारे बीवी भी बहुत सुंदर है मैं इसे काॅलेज के समय से पाना चाहता हूं पर ये साली घास नहीं डालती आ पाकर ही रहूंगा

राॅकी सभी को बांध दिया और कभी कृष्णा को कभी राधा को और कभी विशाल को मारता।
कृष्णा ने बड़ी मुश्किल से अपना बन्धन खोला और राॅकी के आदमी को फुटबॉल की तरह उछाल उछाल कर धोया।

और जब राॅकी ने विशाल को मारने लगा तो कृष्णा कुछ नहीं कर रहा था

तो राधा ने कहा कृष्णा विशाल को बचाओ

कृष्णा राधा के बात को अन सुनी कर दिया

तों फिर राधा कहती हैं कि कृष्णा तुम अगर सच्चे दिल से मुझे कभी प्यार किया है तों तुम्हें उस प्यार की कसम तुम हमारे पति को बचा लो हम तुम्हारे एहसान मंद जिंदगी भर रहेंगे

राधा के मुंह से अपने प्यार का ज़िक्र सुनकर कृष्णा राॅकी और उसके आदमी पर कहर बनकर टुट पड़ा और बातो बातो में सबको टुवान्टी टुवान्टी मैंच के बाॅल की तरह धो डाला बड़ी मुश्किल से राॅकी और उसके आदमी वहां से जान बचाकर भाग निकला

कृष्णा जैसे ही राधा का बंधन खोला की राधा भाग कर विशाल के पास पहुंची और उनसे लिपटना चाही की विशाल राधा को साईड करके वहां से चल दिया

कृष्णा राधा को देख रहा था और राधा विशाल जाते देख बैठकर रोने लगी को फिर कृष्णा राधा के पास आया और उठाया

राधा देखो कृष्णा कितना पत्थर इंसान हैं मैं इसका पत्नी हूं हमेशा इसके लिए अच्छा ही सोचता हूं पर ये हमें समझना ही नहीं चाहता मैं क्या करूं कृष्णा

अच्छा राधा जी अब हम घर चलते हैं नहीं तो कोई और मुसीबत आ पहुंचेगा

राधा नहीं कृष्णा मैं विशाल को छोड़कर नहीं जाऊंगी नहीं तो वो बहुत बड़ी मुसीबत में फस जाएगा

कृष्णा राधा जी विशाल बाबू तो मुसीबत में फस चुका है

राधा – मैं अपने विशाल को मुसीबत से निकालूंगी मैं उसकी पत्नी हूं चाहे वो कितना भी हम पर ज़ुल्म करें मैं उन्हें छोड़कर नहीं जाऊंगी चाहें मेरा जो हों कृष्णा तुम से हाथ जोड़कर विनती है कि तुम मेरा मदद करो

कृष्णा ठीक है

राॅकी और राॅकी का दोस्त मार खाकर पी ए के पास पहुंचा पी उसका हालत देखकर राॅकी से बोला

पी ए – क्यों राॅकी तुम तो मेरे सामने विशाल और राधा को चुटकी बजाकर खत्म करने की बड़ी बड़ी डिंगे मार रहा था
उल्टा वो ही तुम्हें एक चांस और सुधरने का दिया है मेरे पास आने से पहले कुछ तो सोचा होता जन्मी छुछुंदर साला चल हट तु भरोसा लाईक नहीं है

राॅकी – पी ए साहब मैं तो उन्हें निश्चित ही मार डालता किंतु वो कृष्णा ने सारा खेल बिगाड़ दिया

पी ए – अरे इस विशाल और राधा के बीच में ये कृष्णा कौन आ टपका

राॅकी – आ नहीं टपका वो पहले से ही उनके साथ रहता है सुनने में आया कि राधा के पिता को विशाल पर कुछ ग़लत फहमी हुआ था इसलिए वो अपने घर के नौकर को राधा के सुरक्षा के लिए वो कृष्णा को राधा के साथ कर दिया एक बात और मज़े का है पी ए साहब कि कृष्णा राधा को प्यार भी करता है और उसका आशिक हैं

पी ए – चुप हारामजादें तु मुझे ऐसे उसका किस्सा सुना रहा है जैसे रामायण का प्रवचन हों
अब्बे कमीने तुमको पता नहीं है कि आशिक अपने आशिकी के लिए अगर मार खाता है तो कितने को मार डालता भी वो खतरनाक जरुर होगा इसके लिए हमें दुसरे चाल चलना पड़ेगा

उधर विशाल के पिता विसंबर नाथ जी राधा के पिता जी के पास पहुंचा
और बोला समधी जी हमारा बहू कहां है मैं राधा को फोन लगाता हूं तो वो फोन उठाती नहीं है।

जगदीश डोंगरा समधी जी हमें तों बस इतना ही पता है कि वहां का हालत ठीक नहीं है मैंने बहुत राधा से पुछा कि क्या बात है तो वो कुछ नहीं बताई मुझे लगा थोड़ा बहुत नोक झोंक हुआ होगा दोनों में

तभी काॅल कृष्णा का आया और सारी बात कृष्णा ने डोंगरा साहब को बता दिया

डोंगरा साहब का तो हाथ पैर फुलने लगा तभी वो राधा के बारे में पुछा तो

कृष्णा ने कहा राधा जी हमारे पास और सुरक्षित है आप राधा के बारे में चिंता न करो

फिर विशाल के बारे में पुछा तो कृष्णा ने कहा पुलिस विशाल के पिछे पड़ा है और राॅकी नाम का एक आदमी हैं जो राधा और विशाल को जान से मार देना चाहता है

डोंगरा साहब – पर क्यों वो हमारे बच्चों को मारना चाहता है

कृष्णा – दौलत के खातिर

इतना सुनते ही विसंबर नाथ ने डोंगरा साहब से फोन लिया और पुछा इस समय रोहित /विशाल कहां है

कृष्णा पता नहीं वो हम सबको छोड़कर कर अकेले कहां चला गया

विसंबर नाथ ने कहा कि इस समय तुम कहां हो

कृष्णा ने एक आदमी से पूछा और जगह का नाम बताया

तो विसंबर नाथ ने कहा तुम लोग घवराओ नहीं मैं अभी अपने पी ए को फोन करके तुम्हारे परेशानी को खत्म करता हूं क्योंकि कि तुम लोग हमारे पी ए के घर के कुछ ही दुरी पर है।

विसंबर नाथ ने फोन अपने पी ए को लगाया उस समय राॅकी और पी ए ये प्लान बना रहा था कि कैसे इन दोनों को मार कर रास्ते से हटा देना होगा और अपना नाम भी नहीं सामने आना चाहिए तभी पी ए ने फोन रिसीव किया और कहा हां मालिक बोलिए

विसंबर नाथ पी हमारे बहूं और उनके साथ में कृष्णा नाम का एक लड़का है जों कुछ परेशान हैं तुम उसका सहायता करों और बताओं तुम दो दिन से बिना बताए छुट्टी पर क्या कर रहा है

पी ए – मालिक मैं एक मिटिंग कर रहा हूं

विसंबर नाथ – ठीक है पहले तुम बच्चों के परेशानी को दुर करों

पी ए – ठीक है मालिक वैसे अभी वो है कहां पर

विसंबर नाथ ने उन्हें पता दिया और फोन काट दिया और अपने समधी जगदीश डोंगरा को संभालते हुए कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि कुछ नहीं होगा हमारे बच्चे को

पी ए कहता है देख राॅकी ये हैं किस्मत मेरा कि शिकार खुद फोन करके कहता है कि हम उनके बच्चों को परेशानी से दूर करें
हां हम तों अपने मालिक का आज्ञा का पालन अवश्य करुंगा उनके बच्चों को मार कर हम उन्हें सदा के लिए परेशानी से मुक्त कर देंगे

और एक तेरा नशीब हैं कि खुद ही शिकार के हाथों कुत्ते की तरह मार खा कर मेरे पास अपनी दुम दबाकर आ हैं

देख राॅकी इस बार मिस नहीं होना चाहिए नहीं तो मेरा सारा प्लान चौपट हो सकता है और मुझे जेल

राॅकी नहीं पी ए जी इस बार हम मिस नहीं होने देंगे

जब राॅकी अपने साथी के साथ राधा और कृष्णा के पास जाने लगा।

तभी पी ए कहता है कि रुक राॅकी हम भी भी तुम्हारे साथ चलेंगे अपने मालिक के बच्चों को परेशानी से दुर करने और वहां पर पहुंचा राधा और कृष्णा मेन रोड के किनारे एक पेड़ के नीचे खड़ा था।

राॅकी ने उससे सटा कर गाड़ी रोका और निचे उतरा साथ में पी ए भी
राॅकी ने कहा सर यही है वो तिनों

पी ए – ने राॅकी को कहा तु तो अक्ल का अंधा है ही अब शायद आंख का अंधा भी हो गया । देखता नहीं है यहां तिन नहीं दो बच्चे हैं

कृष्णा राॅकी को देखते ही कहा तु फिर आ गया है मार खाने

पी ए देखो बच्चों आपस में झगड़ा करने से हमेशा अपना ही नुकसान होता है झगड़ा छोड़ो और मेरे साथ चलो

राधा नहीं नहीं हम तुम्हारे साथ नहीं जाएंगे

पी ए देखो हम तुम्हारे ससुर जी विसंबर नाथ के पी ए हैं उसने ही मुझे यहां का पता दिया और कहा कि तुम किसी परेशानी में हो इसलिए हम तुम्हारे

Language: Hindi
Tag: कहानी
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