Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2022 · 1 min read

फिर नमी आ गई

फिर नमी आ गई इन आंखों में ।
फिर कोई एहसास मर गया दिल में ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
11 Likes · 142 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का उपाय
भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का उपाय
Shekhar Chandra Mitra
बिन तेरे ज़िंदगी अधूरी है
बिन तेरे ज़िंदगी अधूरी है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आँखें शिकायत करती हैं गमों मे इस्तेमाल हमारा ही क्यों करते ह
आँखें शिकायत करती हैं गमों मे इस्तेमाल हमारा ही क्यों करते ह
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
उसकी सूरत देखकर दिन निकले तो कोई बात हो
उसकी सूरत देखकर दिन निकले तो कोई बात हो
Dr. Shailendra Kumar Gupta
आजकल की औरते क्या क्या गजब ढा रही (हास्य व्यंग)
आजकल की औरते क्या क्या गजब ढा रही (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
"मानो या न मानो"
Dr. Kishan tandon kranti
पहली बार रेल में बैठे (बाल कविता )
पहली बार रेल में बैठे (बाल कविता )
Ravi Prakash
चमचम चमके चाँदनी, खिली सँवर कर रात।
चमचम चमके चाँदनी, खिली सँवर कर रात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
पत्थर
पत्थर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नादां दिल
नादां दिल
Pratibha Kumari
"बहुत से लोग
*Author प्रणय प्रभात*
सेंगोल और संसद
सेंगोल और संसद
Damini Narayan Singh
तुमको खोकर इस तरहां यहाँ
तुमको खोकर इस तरहां यहाँ
gurudeenverma198
ज़ख्म शायरी
ज़ख्म शायरी
मनोज कर्ण
सखी री आया फागुन मास
सखी री आया फागुन मास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
💐प्रेम कौतुक-468💐
💐प्रेम कौतुक-468💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बुद्धिमान हर बात पर,
बुद्धिमान हर बात पर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ॐ
Prakash Chandra
दानी
दानी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
RAKESH RAKESH
कैसे भुला पायेंगे
कैसे भुला पायेंगे
Surinder blackpen
A Little Pep Talk
A Little Pep Talk
Ahtesham Ahmad
माँ से बढ़कर नहीं है कोई
माँ से बढ़कर नहीं है कोई
जगदीश लववंशी
कलयुगी धृतराष्ट्र
कलयुगी धृतराष्ट्र
डॉ प्रवीण ठाकुर
प्रिय विरह - २
प्रिय विरह - २
लक्ष्मी सिंह
मेरे वश में नहीं है, तुम्हारी सजा मुकर्रर करना ।
मेरे वश में नहीं है, तुम्हारी सजा मुकर्रर करना ।
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
माँ
माँ
Arvina
तू होती तो
तू होती तो
Satish Srijan
हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया,
हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया,
Manisha Manjari
Loading...