Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2023 · 1 min read

फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं

फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
गिले शिकवो का अब ना कभी मौका दूंगा

1 Like · 266 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
View all
You may also like:
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
“तुम हो तो सब कुछ है”
“तुम हो तो सब कुछ है”
DrLakshman Jha Parimal
मैं
मैं "लूनी" नही जो "रवि" का ताप न सह पाऊं
ruby kumari
4373.*पूर्णिका*
4373.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
Neelam Sharma
*लोग सारी जिंदगी, बीमारियॉं ढोते रहे (हिंदी गजल)*
*लोग सारी जिंदगी, बीमारियॉं ढोते रहे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कोंपलें फिर फूटेंगी
कोंपलें फिर फूटेंगी
Saraswati Bajpai
धारा ३७० हटाकर कश्मीर से ,
धारा ३७० हटाकर कश्मीर से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
लड़को की योग्यता पर सवाल क्यो
लड़को की योग्यता पर सवाल क्यो
भरत कुमार सोलंकी
कल तलक
कल तलक
Santosh Shrivastava
चित्र और चरित्र
चित्र और चरित्र
Lokesh Sharma
"इच्छाशक्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
कवि दीपक बवेजा
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
Vindhya Prakash Mishra
हम घर रूपी किताब की वह जिल्द है,
हम घर रूपी किताब की वह जिल्द है,
Umender kumar
गीतासार 📕
गीतासार 📕
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
फूल बेजुबान नहीं होते
फूल बेजुबान नहीं होते
VINOD CHAUHAN
हास्य कुंडलिया
हास्य कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Stop getting distracted by things that have nothing to do wi
Stop getting distracted by things that have nothing to do wi
पूर्वार्थ
बड़ी  हसीन  रात  थी  बड़े  हसीन  लोग  थे।
बड़ी हसीन रात थी बड़े हसीन लोग थे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
Surinder blackpen
*दो नैन-नशीले नशियाये*
*दो नैन-नशीले नशियाये*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
Love is
Love is
Otteri Selvakumar
नव वर्ष मंगलमय हो
नव वर्ष मंगलमय हो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कहमुकरी (मुकरिया) छंद विधान (सउदाहरण)
कहमुकरी (मुकरिया) छंद विधान (सउदाहरण)
Subhash Singhai
अनुशासित रहे, खुद पर नियंत्रण रखें ।
अनुशासित रहे, खुद पर नियंत्रण रखें ।
Shubham Pandey (S P)
"Do You Know"
शेखर सिंह
Loading...