Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2023 · 1 min read

*फागुन महीने का मधुर, उपहार है होली (मुक्तक)*

*फागुन महीने का मधुर, उपहार है होली (मुक्तक)*
➖➖➖➖➖➖➖➖
प्रेममय इस सृष्टि का, आधार है होली
वातावरण में बस रहा, प्यार है होली
घोलकर मधु आ गया है, श्वास में मौसम
माह फागुन का मधुर, उपहार है होली
————————
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

83 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
भगोरिया पर्व नहीं भौंगर्या हाट है, आदिवासी भाषा का मूल शब्द भौंगर्यु है जिसे बहुवचन में भौंगर्या कहते हैं। ✍️ राकेश देवडे़ बिरसावादी
भगोरिया पर्व नहीं भौंगर्या हाट है, आदिवासी भाषा का मूल शब्द भौंगर्यु है जिसे बहुवचन में भौंगर्या कहते हैं। ✍️ राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक कप कड़क चाय.....
एक कप कड़क चाय.....
Santosh Soni
गुलशन के गुल
गुलशन के गुल
Chunnu Lal Gupta
आधुनिक बचपन
आधुनिक बचपन
लक्ष्मी सिंह
बहुत तकलीफ देता है
बहुत तकलीफ देता है
Dr fauzia Naseem shad
विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अनादि
अनादि
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
अतिथि हूं......
अतिथि हूं......
Ravi Ghayal
जिंदगी
जिंदगी
Seema gupta,Alwar
I want to find you in my depth,
I want to find you in my depth,
Sakshi Tripathi
अपने-अपने राम
अपने-अपने राम
Shekhar Chandra Mitra
दुविधा
दुविधा
Shyam Sundar Subramanian
उसकी रहमत से खिलें, बंजर में भी फूल।
उसकी रहमत से खिलें, बंजर में भी फूल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"हरी सब्जी या सुखी सब्जी"
Dr Meenu Poonia
"कैसे सबको खाऊँ"
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
***
*** " ये दरारें क्यों.....? " ***
VEDANTA PATEL
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम
Er.Navaneet R Shandily
💐अज्ञात के प्रति-146💐
💐अज्ञात के प्रति-146💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आदमी क्या है - रेत पर लिखे कुछ शब्द ,
आदमी क्या है - रेत पर लिखे कुछ शब्द ,
Anil Mishra Prahari
रूह को खुशबुओं सा महकाने वाले
रूह को खुशबुओं सा महकाने वाले
कवि दीपक बवेजा
बेनाम रिश्ता
बेनाम रिश्ता
आकांक्षा राय
निकल गया सो निकल गया
निकल गया सो निकल गया
Taran Verma
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
मनोज कर्ण
पापा की परी
पापा की परी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Success is not final
Success is not final
Swati
फितरत
फितरत
umesh mehra
सोचा नहीं कभी
सोचा नहीं कभी
gurudeenverma198
*नेताजी सुभाष चंद्र बोस (कुंडलिया)*
*नेताजी सुभाष चंद्र बोस (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शिक्षक की भूमिका
शिक्षक की भूमिका
Rajni kapoor
छतें बुढापा, बचपन आँगन
छतें बुढापा, बचपन आँगन
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...