Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2024 · 1 min read

फ़ासला बे’सबब नहीं आया ,

फ़ासला बे’सबब नहीं आया ,
दूर तुम भी तो हो गये हमसे।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

1 Like · 34 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
तय
तय
Ajay Mishra
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
क्या छिपा रहे हो
क्या छिपा रहे हो
Ritu Asooja
ये मत पूछो यारों, मेरी क्या कहानी है,
ये मत पूछो यारों, मेरी क्या कहानी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अर्थार्जन का सुखद संयोग
अर्थार्जन का सुखद संयोग
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बरसात की बूंदे
बरसात की बूंदे
Dr Mukesh 'Aseemit'
वक्त काटना चाहो
वक्त काटना चाहो
Sonam Puneet Dubey
*सात जन्म के लिए तुम्हारा, मिला साथ आभार (गीत)*
*सात जन्म के लिए तुम्हारा, मिला साथ आभार (गीत)*
Ravi Prakash
3746.💐 *पूर्णिका* 💐
3746.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*राज दिल के वो हम से छिपाते रहे*
*राज दिल के वो हम से छिपाते रहे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* बाल विवाह मुक्त भारत *
* बाल विवाह मुक्त भारत *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इश्क अमीरों का!
इश्क अमीरों का!
Sanjay ' शून्य'
*मैं पक्षी होती
*मैं पक्षी होती
Madhu Shah
पानी से पानी पर लिखना
पानी से पानी पर लिखना
Ramswaroop Dinkar
भवप्रीता भवानी अरज सुनियौ...
भवप्रीता भवानी अरज सुनियौ...
निरुपमा
#दोहा
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
gurudeenverma198
" मन "
Dr. Kishan tandon kranti
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
Rj Anand Prajapati
सरस रंग
सरस रंग
Punam Pande
इश्क़  जब  हो  खुदा  से  फिर  कहां  होश  रहता ,
इश्क़ जब हो खुदा से फिर कहां होश रहता ,
Neelofar Khan
कोहराम मचा सकते हैं
कोहराम मचा सकते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
महात्मा गांधी ,एवम लाल बहादुर शास्त्री पर
महात्मा गांधी ,एवम लाल बहादुर शास्त्री पर
मधुसूदन गौतम
*किसान*
*किसान*
Dr. Priya Gupta
प्रबल वेग बरसात का,
प्रबल वेग बरसात का,
sushil sarna
हम अभी
हम अभी
Dr fauzia Naseem shad
मुकाम जब मिल जाए, मुकद्दर भी झुक जाता है,
मुकाम जब मिल जाए, मुकद्दर भी झुक जाता है,
पूर्वार्थ
*सुनो माँ*
*सुनो माँ*
sudhir kumar
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
मौत
मौत
Harminder Kaur
Loading...