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5 Dec 2022 · 1 min read

फ़ासला पर लिखे अशआर

थोड़ा सा फ़ासला रक्खा कर दरमियां ।
लगता है दिल को तुझे खो कहीं न दूं ।।

दूर हम से कहीं नहीं जाना ।
फ़ासले एतबार खोते हैं ।

फ़ासला तुम से कर तो ले लेकिन ।
दूर जाने से सांस रूकती है ।।

दूरियों की वजह न बन जाए ।
फ़ासला दरमियान रखते हैं ।।

दूरियों से कहां शिकायत है ।
फ़ासले दिल के बस नहीं अच्छे ।।

दूरियों से बस इत्तिफ़ाक़ रहा ।
फ़ासले कम नहीं किये हमनें ॥

दूरियों को करीब कर बैठे ।
फ़ासले जब भी कम किये हमने ।।

फ़ासला तुमसे कर नहीं सकते ।
दिल धड़कनें का एक सबब तुम हो ।।

फ़ासला दरमियान कर बैठा ।
मुझको इतना करीब कर बैठा ।।

मुनासिब है दरमियां थोड़ा सा फ़ासला रखना ।
ज़्यादा नज़दीकियां भी रिश्ते बिगाड़ देती हैं ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
12 Likes · 386 Views
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