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2 Jun 2023 · 1 min read

!! पलकें भीगो रहा हूँ !!

फटे हुए ज़िगर को
लम्हों से सी रहा हूँ
कोई जा के उनसे कह दे,
पलकें भीगो रहा हूँ

तुफां -ए- इश्क ने
दिल -ए- गुलशन
को उजाड़ा है
वीरान जिंदगी है
ग़मो को पी रहा हूँ
कोई……………………

ख़्वाब सभी बिखरे
जो हमने थे सजाये
अब याद आ रहें हैं
तन्हाईओं में मेरे
एहसास को दबाए
अश्कों को पी रहा हूँ
कोई……………………..

पीता था ज़ाम “चुन्नू”
आंखों में उनके रहके
अब दूर हुए इतने
तारे हैं हमसे जितने
जज़्बात बोलते हैं
लफ़्ज़ों को सी रहा हूँ
कोई………………………

•••• कलमकार ••••
चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ (उ.प्र.)

2 Likes · 151 Views
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