Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2020 · 1 min read

प्रेरणा शक्ति

नव किरणों से नव प्रभात का आगमन कर रहा अभिनंदन।
जागो नव यथार्थ कर रहा स्पंदन।
करो सार्थक नव अभिलाषा, व आकांक्षा चिंतन।
कर जागृत नवचेतना मनस मे।
हो संचार सद्भाव , शांति जगत मे।
त्याग क्रोध, द्वेष ,अहंकार ,आसक्ति।
कर प्रयास सिद्ध स्वयं को बनो प्रेरणा शक्ति।

Language: Hindi
Tag: कविता
5 Likes · 4 Comments · 288 Views

Books from Shyam Sundar Subramanian

You may also like:
कितने दिलों को तोड़ती है कमबख्त फरवरी
कितने दिलों को तोड़ती है कमबख्त फरवरी
Vivek Pandey
"यादें अलवर की"
Dr Meenu Poonia
सच वह देखे तो पसीना आ जाए
सच वह देखे तो पसीना आ जाए
कवि दीपक बवेजा
★आईने में वो शख्स★
★आईने में वो शख्स★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
धर्म बला है...?
धर्म बला है...?
मनोज कर्ण
असत्य पर सत्य की जीत
असत्य पर सत्य की जीत
VINOD KUMAR CHAUHAN
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम
Er.Navaneet R Shandily
तलाकशुदा
तलाकशुदा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मन के झरोखों में छिपा के रखा है,
मन के झरोखों में छिपा के रखा है,
अमित मिश्र
भुनेश्वर सिन्हा कांग्रेस नेता छत्तीसगढ़ । Bhuneshwar sinha politician chattisgarh
भुनेश्वर सिन्हा कांग्रेस नेता छत्तीसगढ़ । Bhuneshwar sinha politician chattisgarh
Bhuneshwar sinha
💐अज्ञात के प्रति-3💐
💐अज्ञात के प्रति-3💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
देव भूमि - हिमान्चल
देव भूमि - हिमान्चल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चमत्कार
चमत्कार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*अरुण  (कुंडलिया)*
*अरुण (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"वक्त वक्त की बात"
Dr. Kishan tandon kranti
लबों पर हंसी सजाए रखते हैं।
लबों पर हंसी सजाए रखते हैं।
Taj Mohammad
✍️क्या ये सच नही..?
✍️क्या ये सच नही..?
'अशांत' शेखर
चढ़ती उम्र
चढ़ती उम्र
rkchaudhary2012
गीत
गीत
Shiva Awasthi
■ मुक्तक / नेक सलाह
■ मुक्तक / नेक सलाह
*Author प्रणय प्रभात*
जानती हूँ मैं की हर बार तुझे लौट कर आना है, पर बता कर जाया कर, तेरी फ़िक्र पर हमें भी अपना हक़ आजमाना है।
जानती हूँ मैं की हर बार तुझे लौट कर आना...
Manisha Manjari
विचार
विचार
Shyam Pandey
सच्चाई के रास्ते को अपनाओ,
सच्चाई के रास्ते को अपनाओ,
Buddha Prakash
ऐसी बरसात भी होती है
ऐसी बरसात भी होती है
Surinder blackpen
"ज़िंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक़ जीया करते...
Mukul Koushik
उसी ने हाल यह किया है
उसी ने हाल यह किया है
gurudeenverma198
फांसी के फंदे से
फांसी के फंदे से
Shekhar Chandra Mitra
कोशिशें हों
कोशिशें हों
Dr fauzia Naseem shad
गीत-2 ( स्वामी विवेकानंद जी)
गीत-2 ( स्वामी विवेकानंद जी)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...