Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2023 · 1 min read

प्रेम

21. प्रेम

प्रेम नाम है तेरे मद में सब कुछ खो जाने के बाद ,
भूल जाये मन मैं तुम सब कुछ और रहे ना कुछ भी याद ।

मन में तुम हो तन में तुम हो और तुम्ही चितवन के छोर ,
कान्हा की बंसुरी तुम्ही हो और तुम्ही उपवन मे मोर ।

सूरदास के बालसखा तुम मीरा के तुम ही हो श्याम,
कौशल्या के प्राणप्रिये तुम और सिया के हिय में राम ।

प्रेम सुरा है प्रेम सुंदरी प्रेम एक मधुशाला है ,
मस्जिद भी है गिरजा भी है शिव का यही शिवाला है ।

प्रेम पॉव से लंगड़े का है गूंगे का वाणी से प्रेम,
जीवन भर जो तृप्त न होता अंत समय नाड़ी से प्रेम ।

आँखों से जो कुछ दिखता है केवल मन का धोखा है ,
जो मन की आँखों से दिखता वो ही प्रेम अनोखा है ।

माया मोह सभी मिथ्या है पुत्र मित्र सब बाराती ,
फूँक डालते हैं पल भर में कंचन काया मदमाती ।

उसी प्रेम में पागल है जग जो मन को भरमाता है ,
चाह मिटे सब जिसको पाकर उसका नाम विधाता है ।
**********
प्रकाश चंद्र , लखनऊ
IRPS (Retd)

Language: Hindi
1 Like · 283 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Prakash Chandra
View all
You may also like:
उसकी गलियों में आज मुस्कुराना भारी पड़ा।
उसकी गलियों में आज मुस्कुराना भारी पड़ा।
Phool gufran
मन
मन
Sûrëkhâ
The best Preschool Franchise - Londonkids
The best Preschool Franchise - Londonkids
Londonkids
सलीका शब्दों में नहीं
सलीका शब्दों में नहीं
उमेश बैरवा
जीवन
जीवन
Neelam Sharma
क्रिसमस से नये साल तक धूम
क्रिसमस से नये साल तक धूम
Neeraj Agarwal
याद मीरा को रही बस श्याम की
याद मीरा को रही बस श्याम की
Monika Arora
काकाको यक्ष प्रश्न ( #नेपाली_भाषा)
काकाको यक्ष प्रश्न ( #नेपाली_भाषा)
NEWS AROUND (SAPTARI,PHAKIRA, NEPAL)
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Seema gupta,Alwar
मेरी बच्ची - दीपक नीलपदम्
मेरी बच्ची - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मैं सदा चलता रहूंगा,
मैं सदा चलता रहूंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये आँखें तेरे आने की उम्मीदें जोड़ती रहीं
ये आँखें तेरे आने की उम्मीदें जोड़ती रहीं
Kailash singh
गणपति बैठो जन के मन में
गणपति बैठो जन के मन में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
🙅नया मुहावरा🙅
🙅नया मुहावरा🙅
*प्रणय प्रभात*
मार मुदई के रे... 2
मार मुदई के रे... 2
जय लगन कुमार हैप्पी
2785. *पूर्णिका*
2785. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आखिरी वक्त में
आखिरी वक्त में
Harminder Kaur
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
धर्म निरपेक्षी गिद्ध
धर्म निरपेक्षी गिद्ध
AJAY AMITABH SUMAN
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*पर्यावरण दिवस * *
*पर्यावरण दिवस * *
Dr Mukesh 'Aseemit'
मिल गया तो मीठा-मीठा,
मिल गया तो मीठा-मीठा,
TAMANNA BILASPURI
*यह  ज़िंदगी  नही सरल है*
*यह ज़िंदगी नही सरल है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
कवि रमेशराज
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
Trishika S Dhara
"लेकिन"
Dr. Kishan tandon kranti
काँटा ...
काँटा ...
sushil sarna
मशीनों ने इंसान को जन्म दिया है
मशीनों ने इंसान को जन्म दिया है
Bindesh kumar jha
..........
..........
शेखर सिंह
Loading...