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4 May 2020 · 1 min read

प्रेम रागी मरता नहीं

**प्रेम रागी मरता नही**
******************

दिल है जो मानता नहीं
वक्त को पहचानता नहीं

प्यार में डूबा रहता है
कुछ भी है जानता नहीं

ख्यालों में खोया रहता
होश में वो आता नहीं

सभी को वह भूल जाए
दुनिया को जानता नहीं

चाँद तारों से बातें करे
वसुधा पर ठहरता नहीं

गुमसुम खोया रहता है
कभी मुस्कराता नहीं

भूखा प्यासा पड़ा रहे
कहीं भी खा पाता नहीं

प्रेम प्रीत बहुत रंगीली
बदरंग कभी होता नहीं

सुखविंद्र भी प्रेम रोगी
प्रेम रागी मरता नहीं

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 2 Comments · 194 Views

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