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16 Apr 2024 · 1 min read

प्रेम छिपाये ना छिपे

प्रेम छिपाये ना छिपे
जो घट परगट होय…!!
जो पाये मुख बोले नहीं
नयन देत है रोय…!!
कबीरदास जी..

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