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1 Nov 2022 · 1 min read

प्रेम कविता

रोज आती है गौरैया
तुम्हारा संदेश लेकर
और खिलखिला पड़ते हैं
प्रसून..
वक्त बेवक्त..
रोज मुस्करा देती है
प्रतीक्षा..
मुझे देखकर!
यूं ही रोज
गा उठती है सरगम
बेवजह कोयल
और!
बस ऐसे ही..
मुॅंह मीठा कर जाती है मेरा
तुम्हारी बहुत सलोनी सी याद!
चौंक पड़ती हैं सदियाॅं..
मेरे साथ-साथ..
चुपचाप!

रश्मि लहर

Language: Hindi
Tag: कविता
142 Views
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