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6 Feb 2022 · 1 min read

प्रारब्ध

प्रारब्ध जब तय है हमारा
तो फिर देर क्यों है?
गर उजाला ही मयस्सर है मुझे
तो फिर अंधेर क्यों है?
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 247 Views
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