Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Aug 2024 · 1 min read

प्रश्नों का प्रासाद है,

प्रश्नों का प्रासाद है,
जीवन की हर साँस ।
मरीचिका में जी रहा,
कालजयी विश्वास । ।

सुशील सरना / 13-8-24

85 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

👍एक ही उपाय👍
👍एक ही उपाय👍
*प्रणय*
हिकारत जिल्लत
हिकारत जिल्लत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
GOD BLESS EVERYONE
GOD BLESS EVERYONE
Baldev Chauhan
ठोकर
ठोकर
Shekhar Chandra Mitra
अनजान दीवार
अनजान दीवार
Mahender Singh
*झूठ-मूठ जो मन में आए, कहना अच्छी बात नहीं (हिंदी गजल)*
*झूठ-मूठ जो मन में आए, कहना अच्छी बात नहीं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
धर्म युद्ध!
धर्म युद्ध!
Acharya Rama Nand Mandal
दिल के कोने में
दिल के कोने में
Surinder blackpen
मुझे आज फिर भूल
मुझे आज फिर भूल
RAMESH SHARMA
"ये आशिकी"
Dr. Kishan tandon kranti
"कोयल की कूक"
राकेश चौरसिया
मैं मेरी कहानी और मेरी स्टेटस सब नहीं समझ पाते और जो समझ पात
मैं मेरी कहानी और मेरी स्टेटस सब नहीं समझ पाते और जो समझ पात
Ranjeet kumar patre
सुप्रभात!
सुप्रभात!
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*रामलला*
*रामलला*
Kavita Chouhan
अब नहीं हम आयेंगे
अब नहीं हम आयेंगे
gurudeenverma198
जख्मी हृदय ने
जख्मी हृदय ने
लक्ष्मी सिंह
23/04.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/04.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मां का आंचल और पिता प्रेम
मां का आंचल और पिता प्रेम
श्याम सांवरा
चले आते हैं उलटे पाँव कई मंज़िलों से हम
चले आते हैं उलटे पाँव कई मंज़िलों से हम
Kanchan Gupta
आधुनिक बारिश का इंतजार
आधुनिक बारिश का इंतजार
goutam shaw
मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं,
मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं,
Kalamkash
खुद को भी
खुद को भी
Dr fauzia Naseem shad
तिलिस्म
तिलिस्म
Dr. Rajeev Jain
I miss my childhood
I miss my childhood
VINOD CHAUHAN
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
डॉ. दीपक बवेजा
माँ दे - दे वरदान ।
माँ दे - दे वरदान ।
Anil Mishra Prahari
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
Rj Anand Prajapati
जिसने दिया था दिल भी वो उसके कभी न थे।
जिसने दिया था दिल भी वो उसके कभी न थे।
सत्य कुमार प्रेमी
उसकी इबादत आखिरकार रंग ले ही आई,
उसकी इबादत आखिरकार रंग ले ही आई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शाश्वत प्रेम
शाश्वत प्रेम
Shashi Mahajan
Loading...