प्रवचन में मुनि ज्ञान ने
प्रवचन में मुनि ज्ञान ने, कही बात गंभीर
औरों से दुनिया लड़े, लड़े स्वयं से वीर
लड़े स्वयं से वीर, कहे तरुण सन्यासी
सारी दुनिया आज, हतास, दुखी-ओ-प्यासी
महावीर कविराय, यदि आत्मिक शांति मन में
खूब मिलेंगे अर्थ, महाऋषि के प्रवचन में
जितना जिसमे तेज है, उतना उसका ज्ञान
हर ऋषि-मुनि के पास है, नव युग का विज्ञान
नव युग का विज्ञान, ज्ञान सागर है ज्ञानी
अहिंसा जिसका मर्म, वो है परम विज्ञानी
महावीर कविराय, सुयश फैलेगा उतना
जिस ऋषि में ज्ञान, तेज सूर्य-सा जितना