Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2021 · 1 min read

“ प्रजातन्त्र का सम्मान “

डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
===================
हर साल ये
नेता हमें बुद्धू ,
और अनाड़ी बना रहे हैं !
चिकनी -चुपड़ी
बातों करके ,
हमको वर्षों से
बहका रहे हैं !!
हर वर्ष
नयी योजनाओं ,
का आगाज वे
करते रहते हैं !
नये -नये
पोस्टर और ,
बेनरों में प्रचार
होते रहते हैं !!
एकता की बातें
बड़े जोर से ,
हर साल
दुहरायी जाती हैं !
अपने पड़ोसिओं
पर जमके ,
तोहमतें
लगायी जाती हैं !!
किसी और की
उपलब्धियों ,
पर जमके
जश्न मानते हैं !
और फीता
उद्घाटन करके ,
अपनी पीठें
खूब थपथपाते हैं !!
विकास की गाड़ी
के पहिये ,
प्रजातान्त्रिक
मूल्यों पर चलती है!
निरंकुशता
के रथ पे चढ़के ,
कोई बात कभी
नहीं बनती है !!
मौलिक बातें को
सिर्फ चुनावी ,
रेलिओं में ही
उछाली जाती हैं !
लोगों के रोजगार ,
शिक्षा और ,
स्वास्थ्य की बातें
की जाती है !!
पर व्यवस्था
के नाम पर सब,
कुछ सारा
अधूरा दिख रहा है !
गरीबी ,मंहगायी
और पलायन ,
सब चारों तरफ
ही फैल रहा है !!
किसानों के बल
पे ही हम सब ,
शदिओं से
इतराते इठलाते हैं !
पर उनकी जायज
मांगों को ही ,
कितने महीनों से
ही ठुकराते हैं !!
प्रजातन्त्र में
सबकी भागीदारी है ,
प्रजा का ही
तुम सम्मान करो !
सेवक हैं हमसब
जनता के सारे ,
मन से सदा ही
सबका मान करो !!
आज हम है
हमें लोग याद करेंगे ,
युग -पुरुष हमको
सभी कहते रहेंगे !
अपनी धूमिल
कृतियों से इतिहास ,
के सारे पन्ने
सभी धूमिल रहेंगे !!
================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज ० रोड
दुमका
झारखण्ड
भारत
16.08.2021.

Language: Hindi
Tag: कविता
95 Views
You may also like:
उचित मान सम्मान के हक़दार हैं बुज़ुर्ग
उचित मान सम्मान के हक़दार हैं बुज़ुर्ग
Dr fauzia Naseem shad
🚩परशु-धार-सम ज्ञान औ दिव्य राममय प्रीति
🚩परशु-धार-सम ज्ञान औ दिव्य राममय प्रीति
Pt. Brajesh Kumar Nayak
■ आंख खोलो अभियान
■ आंख खोलो अभियान
*Author प्रणय प्रभात*
*सफलता और असफलता सदा किस्मत से आती है (मुक्तक)*
*सफलता और असफलता सदा किस्मत से आती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*बुंदेली दोहा बिषय- डेकची*
*बुंदेली दोहा बिषय- डेकची*
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
विरहन
विरहन
umesh mehra
मैंने पत्रों से सीखा
मैंने पत्रों से सीखा
Ankit Halke jha
चाहत
चाहत
Shyam Sundar Subramanian
The Little stars!
The Little stars!
Buddha Prakash
क्यों बीते कल की स्याही, आज के पन्नों पर छीटें उड़ाती है।
क्यों बीते कल की स्याही, आज के पन्नों पर छीटें...
Manisha Manjari
आनंद में सरगम..
आनंद में सरगम..
Vijay kumar Pandey
प्रेम का गीत ही, हर जुबान पर गाया जाए
प्रेम का गीत ही, हर जुबान पर गाया जाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दूर....
दूर....
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सी डी इस विपिन रावत
सी डी इस विपिन रावत
Satish Srijan
सामाजिक न्याय का प्रश्न
सामाजिक न्याय का प्रश्न
Shekhar Chandra Mitra
पहला प्यार - अधूरा खाब
पहला प्यार - अधूरा खाब
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गीत... (आ गया जो भी यहाँ )
गीत... (आ गया जो भी यहाँ )
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
वो दिन भी क्या दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
वो प्रकाश बन कर आई जिंदगी में
वो प्रकाश बन कर आई जिंदगी में
J_Kay Chhonkar
ज़िंदादिली
ज़िंदादिली
Dr.S.P. Gautam
कैसे कहें हम
कैसे कहें हम
Surinder blackpen
जरूरी कहां कुल का दिया कुल को रोशन करें
जरूरी कहां कुल का दिया कुल को रोशन करें
कवि दीपक बवेजा
है एक डोर
है एक डोर
Ranjana Verma
🦋🦋तुम रहनुमा बनो मेरे इश्क़ के🦋🦋
🦋🦋तुम रहनुमा बनो मेरे इश्क़ के🦋🦋
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कभी क्यो दिल जलाते हो तुम मेरा
कभी क्यो दिल जलाते हो तुम मेरा
Ram Krishan Rastogi
Feel of love
Feel of love
Shutisha Rajput
तुम और बातें।
तुम और बातें।
Anil Mishra Prahari
खूबसूरत बहुत हैं ये रंगीन दुनिया
खूबसूरत बहुत हैं ये रंगीन दुनिया
D.k Math { ਧਨੇਸ਼ }
✍️रंग बदलती जिंदगी
✍️रंग बदलती जिंदगी
'अशांत' शेखर
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Loading...