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4 Jun 2023 · 1 min read

प्रकृति

जय माँ शारदे

ये स्नेहिल सी सीरत,ये मौसम मृदुल सा,

ये कैसा विहंगम, नजारा अतुल सा ।

हृदय जीत लेती ये, पर्वत शिखाएं,

प्रकृति का ये आंचल, अधिक मंजुल सा ।।

– नवीन जोशी ‘नवल’

Language: Hindi
2 Likes · 156 Views
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