Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 1 min read

प्यार है ही नही ज़माने में

प्यार है ही नही जमाने में
—————————
प्यार है ही नही ज़माने में
क्यूं लगें हम उसे मनाने में
याद आने की कोशिशें मत कर
हम लगें हैं तुझे भुलाने में
इतना शक प्यार में नही अच्छा
जान ले लोगे आजमाने में
इसकी ईंटों में है लहू मेरा
क्यूं लगे हो ये घर गिराने में
सामने आके कुछ कहो वरना
बात निकलेगी मुंह छुपाने में
ख़त्म कर दीजिए ये गुस्सा अब
रात गुजरेगी क्या मनाने में
घर में शम्मा है रोशनी के लिए
क्यूं लगे हो इसे बुझाने में
लोग क्यूं इतना सोचते हैं शमा
मंजिलों का पता बताने में

शमा परवीन बहराइच उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 112 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

राधा कृष्ण
राधा कृष्ण
Mandar Gangal
जिन्दगी की किताब में
जिन्दगी की किताब में
Minal Aggarwal
मेरे पिंजरे का तोता
मेरे पिंजरे का तोता
Laxmi Narayan Gupta
सूरज की किरन चांद की चांदनी.. ...
सूरज की किरन चांद की चांदनी.. ...
shabina. Naaz
मुखर-मौन
मुखर-मौन
Manju Singh
शरद ऋतु
शरद ऋतु
अवध किशोर 'अवधू'
3074.*पूर्णिका*
3074.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ तेरा अहसास
माँ तेरा अहसास
श्रीकृष्ण शुक्ल
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कलरव में कोलाहल क्यों है?
कलरव में कोलाहल क्यों है?
Suryakant Dwivedi
*नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)*
*नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)*
Ravi Prakash
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
शहर जा के का पइबअ
शहर जा के का पइबअ
आकाश महेशपुरी
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak Arun atript
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak Arun atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भतीजी (लाड़ो)
भतीजी (लाड़ो)
Kanchan Alok Malu
वह बरगद की छाया न जाने कहाॅ॑ खो गई
वह बरगद की छाया न जाने कहाॅ॑ खो गई
VINOD CHAUHAN
ये गड़ी रे
ये गड़ी रे
Dushyant Kumar Patel
कभी फुरसत मिले तो पिण्डवाड़ा तुम आवो
कभी फुरसत मिले तो पिण्डवाड़ा तुम आवो
gurudeenverma198
सब कुछ दुनिया का दुनिया में,     जाना सबको छोड़।
सब कुछ दुनिया का दुनिया में, जाना सबको छोड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"किसान का दर्द"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पर्यावरण से न कर खिलवाड़
पर्यावरण से न कर खिलवाड़
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
विकास शुक्ल
जीवन में कुछ भी रखना, निभाना, बनाना या पाना है फिर सपने हो प
जीवन में कुछ भी रखना, निभाना, बनाना या पाना है फिर सपने हो प
पूर्वार्थ
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
Subhash Singhai
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
Manisha Manjari
धर्म और कर्मकांड
धर्म और कर्मकांड
Mahender Singh
"साथ-साथ"
Dr. Kishan tandon kranti
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
SATPAL CHAUHAN
Loading...