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4 Aug 2021 · 1 min read

प्यार के जज़्बात

धुंध की तरह होते है ये प्यार के जज़्बात
जब आते है तो कुछ भी नहीं दिखता
लगता है बस यही है अब जिंदगी मेरी
उससे आगे और कुछ भी नहीं दिखता।।

अच्छा लगता है धुंध का मौसम हमें
लेकिन हमेशा धुंध में रह नहीं सकते
धुंध तो छंट जायेगी कभी है ये यकीं फिर,
जिंदगी पहले जैसी हो, कह नहीं सकते।।

होता है सब यहीं, दिखता नहीं है
चश्मा वही है, धुंध जमी होती है
कुछ पल में छंट जाती है धुंध तो
लेकिन, इतनी समझ कहां होती है।।

होते है ये जज़्बात प्यार के
जैसे उबलते दूध के उफान
बढ़ जाए हद से ज्यादा जो
लाते है ज़िंदगी में तूफान।।

दूर रहिए इस तूफान से, जाने
कितने आशियां उजड़ गए
कहते थे खुद को जो बरगद
वो पेड़ भी इस तूफान में उखड़ गए।।

दर्द मिलता है बड़ा इसमें
कभी भी सुकूं मिलता नहीं
बह जाए जो इन जज्बातों में
वो अपने होश में रहता नहीं।।

दूर रहोगे जितना इस धुंध से
ना आने दोगे दूध में उबाल
उतनी ही दूर रहेगा तुम्हारी
इस ज़िंदगी से कोई बवाल।।

Language: Hindi
Tag: कविता
7 Likes · 2 Comments · 566 Views

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