Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Mar 2023 · 1 min read

पैसा और ज़रूरत

कितना भी पैसा होगा पास तेरे
नहीं ख़रीद पाएगा तू सुकून उससे
ख़रीद लेगा आलीशान मकान
मगर नहीं बना पाएगा घर उससे

पैसे से कुछ भी खरीद सकते हो
ऐसी गलतफहमी में मत रहना
ख़रीद लोगे महँगा बिस्तर तो तुम
नींद भी ख़रीदोगे इस गफ़लत में मत रहना

स्वास्थ्य बीमा तो करा लोगे तुम
अच्छी सेहत पैसे से नहीं ख़रीद पाओगे
दवा तो ख़रीद लोगे कितनी भी महँगी
मौत से तो फिर भी एक दिन हार जाओगे

घूम आओगे सारा संसार तुम
फिर भी चैन नहीं पाओगे
छोड़ दोगे फिक्र पैसे की जब
तभी तुम चैन से सो पाओगे

जितना भी पैसा होगा रह जाएगा यहीं
वहाँ तो तुम भी ख़ाली हाथ ही जाओगे
कफ़न कितना भी महँगा ओढ़ा होगा
आख़िर में तुम भी जला ही दिये जाओगे

है पैसा भी ज़रूरी लेकिन इतना भी नहीं
चाहिए बस इतना जीवन की ज़रूरतें पूरी हो
पैसे की ज़रूरत ज़िंदगी जीने के लिए है बस
पैसे के पीछे इतने भी न पड़ो की ये ज़िंदगी अधूरी हो।

Language: Hindi
8 Likes · 2 Comments · 1143 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'

You may also like:
"किसी की नज़र ना लगे"
Dr. Kishan tandon kranti
It is good that it is bad. It could have been worse.
It is good that it is bad. It could have been worse.
Dr. Rajiv
इश्क़
इश्क़
लक्ष्मी सिंह
मानव जीवन में जरूरी नहीं
मानव जीवन में जरूरी नहीं
Rashmi Mishra
एक कदम सफलता की ओर...
एक कदम सफलता की ओर...
Manoj Kushwaha PS
खूब उड़ रही तितलियां
खूब उड़ रही तितलियां
surenderpal vaidya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Fuzail Sardhanvi
कहानी संग्रह-अनकही
कहानी संग्रह-अनकही
राकेश चौरसिया
अलाव
अलाव
Surinder blackpen
क्या रखा है? वार में,
क्या रखा है? वार में,
Dushyant Kumar
Jindagi ko dhabba banaa dalti hai
Jindagi ko dhabba banaa dalti hai
Dr.sima
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*प्रसादी जिसको देता है, उसे संसार कम देगा 【मुक्तक】*
*प्रसादी जिसको देता है, उसे संसार कम देगा 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
कहाँ समझते हैं ..........
कहाँ समझते हैं ..........
Aadarsh Dubey
बहुत आँखें तुम्हारी बोलती हैं
बहुत आँखें तुम्हारी बोलती हैं
Dr Archana Gupta
ताकत
ताकत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जबसे तुमसे लौ लगी, आए जगत न रास।
जबसे तुमसे लौ लगी, आए जगत न रास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
भगतसिंह की जवानी
भगतसिंह की जवानी
Shekhar Chandra Mitra
श्री नेता चालीसा (एक व्यंग्य बाण)
श्री नेता चालीसा (एक व्यंग्य बाण)
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कलयुग मे घमंड
कलयुग मे घमंड
Anil chobisa
आस लगाए बैठे हैं कि कब उम्मीद का दामन भर जाए, कहने को दुनिया
आस लगाए बैठे हैं कि कब उम्मीद का दामन भर जाए, कहने को दुनिया
Shashi kala vyas
हजारों लोग मिलेंगे तुम्हें
हजारों लोग मिलेंगे तुम्हें
ruby kumari
ख्वाहिशों के समंदर में।
ख्वाहिशों के समंदर में।
Taj Mohammad
उनको मत समझाइए
उनको मत समझाइए
राहुल द्विवेदी 'स्मित'
2292.पूर्णिका
2292.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
देखे आंखों ने ख़्वाब
देखे आंखों ने ख़्वाब
Dr fauzia Naseem shad
"जब मिला उजाला अपनाया
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-333💐
💐प्रेम कौतुक-333💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
क्षितिज के उस पार
क्षितिज के उस पार
Satish Srijan
जीवन चक्र में_ पढ़ाव कई आते है।
जीवन चक्र में_ पढ़ाव कई आते है।
Rajesh vyas
Loading...