Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2024 · 1 min read

पेड़ पौधे से लगाव

तू खयाल रखा कर अपना
मुझे खुद से भी ज्यादा परवाह है तेरी
मुझे नहीं पता तू कितनी मोहब्बत करती हैं मुझसे
पर तू आखरी मोहब्बत है मेरी…!!🥰
#naturallover -शेखर की कलम से

Language: Hindi
163 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मोहब्बत का तोफा लेकर
मोहब्बत का तोफा लेकर
goutam shaw
"प्यासा" "के गजल"
Vijay kumar Pandey
दो शब्द सही
दो शब्द सही
Dr fauzia Naseem shad
ये कैसी मंजिल है इश्क की.....
ये कैसी मंजिल है इश्क की.....
shabina. Naaz
राधा नाम जीवन का सार और आधार
राधा नाम जीवन का सार और आधार
पूर्वार्थ
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
Vindhya Prakash Mishra
श्रृंगार/ गोपी छंद
श्रृंगार/ गोपी छंद
guru saxena
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
दीपक श्रीवास्तव
"आत्मा की वीणा"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम का तोहफा
प्रेम का तोहफा
Rambali Mishra
यह मोहब्बत
यह मोहब्बत
Minal Aggarwal
एक दीप प्रेम का
एक दीप प्रेम का
Mamta Rani
मुझे भूल गए न
मुझे भूल गए न
मधुसूदन गौतम
प्रकृति ने अंँधेरी रात में चांँद की आगोश में अपने मन की सुंद
प्रकृति ने अंँधेरी रात में चांँद की आगोश में अपने मन की सुंद
Neerja Sharma
- साजिशो का दौर चल रहा सावधान रहो -
- साजिशो का दौर चल रहा सावधान रहो -
bharat gehlot
हमको भी कभी प्रेम से बुलाइए गा जी
हमको भी कभी प्रेम से बुलाइए गा जी
कृष्णकांत गुर्जर
वो अपने दर्द में उलझे रहे
वो अपने दर्द में उलझे रहे
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
मन
मन
Mansi Kadam
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
दुलहिन
दुलहिन
श्रीहर्ष आचार्य
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
..
..
*प्रणय*
बाण माताजी री महिमां
बाण माताजी री महिमां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ഹൃദയശൂന്യ
ഹൃദയശൂന്യ
Heera S
जीवन में कुछ बचे या न बचे
जीवन में कुछ बचे या न बचे
PRADYUMNA AROTHIYA
2830. *पूर्णिका*
2830. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी माटी मेरा देश 🇮🇳
मेरी माटी मेरा देश 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिसे सुनके सभी झूमें लबों से गुनगुनाएँ भी
जिसे सुनके सभी झूमें लबों से गुनगुनाएँ भी
आर.एस. 'प्रीतम'
भव्य भू भारती
भव्य भू भारती
लक्ष्मी सिंह
Loading...