Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Aug 2024 · 1 min read

पुरुष हूँ मैं

मैं ब्रह्म का अंश हूं
पुरुष हूँ मैं
माया से घिरा हूँ
वही मेरे
आवरण बना रही है
ताकि मैं
नंगा दिखाई नहीं पड़ूँ

माया ही
मेरा रूप है
माया ही
मेरी योनि है
यही माया ही मेरा
शरीर है
ब्रह्म मेरा केंद्र है
और माया मेरी परिधि

अर्थात्
मैं ही नर हूँ
मैं ही नारी
मैं ही अग्नि हूँ
सोम भी मैं ही हूँ
एक तरफ आक्रामक
दूसरी तरफ
समर्पणकर्ता, ग्रहणकर्ता

सृष्टि युगल है
इसलिए
मैं ही वामा हूँ
मैं ही सौम्या हूँ
शक्ति रूपा
स्त्रैण भी मैं ही हूँ
अग्नि–सोम के योग से निर्मित
मैं अर्धनारीश्वर हूँ

मैं पोषक हूँ
निमित्त हूँ विस्तार का
मैं ही संकल्प हूँ
ब्रह्म तक
पहुँचने की इच्छा भी
मैं ही हूँ

चूंकि ब्रह्म
पुरुष है
एक पुरुष दूसरे पुरुष में
कभी लीन नहीं हो सकता
क्योंकि
पुरुष भाव सदैव
माया भाव के आवरण से
ढ़का होता है
छिपा होता है

अपनी यात्रा
पूर्ण करने के लिए
मुझे सहारा लेना होगा
अपने स्त्रैण भाव का
अंततः
यही स्त्रैण भाव
मुझे मार्ग प्रदान करेगा
मेरी यात्रा का!

–कुंवर सर्वेंद्र विक्रम सिंह✍🏻
*स्वरचित
*©️®️सर्वाधिकार सुरक्षित

141 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

एक दोस्त है...
एक दोस्त है...
Abhishek Rajhans
रूस्वा -ए- ख़ल्क की खातिर हम जज़्ब किये जाते हैं ,
रूस्वा -ए- ख़ल्क की खातिर हम जज़्ब किये जाते हैं ,
Shyam Sundar Subramanian
#नेकी ही धनवान
#नेकी ही धनवान
Radheshyam Khatik
हम लहू आशिकी की नज़र कर देंगे
हम लहू आशिकी की नज़र कर देंगे
Dr. Sunita Singh
राधा/किशोर छंद...!
राधा/किशोर छंद...!
पंकज परिंदा
जलती धरती
जलती धरती
डिजेन्द्र कुर्रे
ट्रस्टीशिप-विचार / 1982/प्रतिक्रियाएं
ट्रस्टीशिप-विचार / 1982/प्रतिक्रियाएं
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
Alka Gupta
हम अपनी आवारगी से डरते हैं
हम अपनी आवारगी से डरते हैं
Surinder blackpen
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
।।
।।
*प्रणय*
हृदय बड़ा उद्विग्न है..
हृदय बड़ा उद्विग्न है..
Priya Maithil
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
3716.💐 *पूर्णिका* 💐
3716.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है।
नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है।
Taj Mohammad
चली आना
चली आना
Shekhar Chandra Mitra
@ग़ज़ल:- शिलान्यास हो गया...
@ग़ज़ल:- शिलान्यास हो गया...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
विषय:भारतीय राष्ट्रीय ध्वज।
विषय:भारतीय राष्ट्रीय ध्वज।
Priya princess panwar
कभी कभी आईना भी,
कभी कभी आईना भी,
शेखर सिंह
दायरे में शक के ......
दायरे में शक के ......
sushil yadav
- अनकहे जज्बात -
- अनकहे जज्बात -
bharat gehlot
क्या गुनाह था कि तुम्हें खोया है हमने
क्या गुनाह था कि तुम्हें खोया है हमने
Diwakar Mahto
चमत्कार होते न अचानक
चमत्कार होते न अचानक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
"फिरकापरस्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
तू बढ़ता चल....
तू बढ़ता चल....
AMRESH KUMAR VERMA
६४बां बसंत
६४बां बसंत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दिल में भी
दिल में भी
Dr fauzia Naseem shad
प्रथम किरण नव वर्ष की।
प्रथम किरण नव वर्ष की।
Vedha Singh
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...