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25 Mar 2023 · 1 min read

पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप ।

पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप ।
प्रायश्चित का वारि तब, धोता उनकी छाप ।।

मुँह से निकली बात के, लग जाते हैं पैर ।
बात बतंगड़ गर बने, बढ़ जाते हैं बैर ।।

धन दौलत औ शोहरत, तेरी उत्कट चाह ।
पगले, तू तो चल पड़ा, बरबादी की राह ।।

फल तो उसके हाथ है, करना तेरे हाथ ।
निरासक्त हो कर्म कर, देगा वो भी साथ ।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

Language: Hindi
3 Likes · 578 Views
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