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3 Mar 2023 · 1 min read

पी रहे ग़म के जाम आदमी

पी रहे ग़म के जाम आदमी
हैं सुखों के ग़ुलाम आदमी
दर्द हद से गुज़रने को है अब
सिसकते हैं तमाम आदमी

—महावीर उत्तरांचली

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Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali

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