Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2023 · 1 min read

*पीड़ा हिंदू को हुई ,बाँटा हिंदुस्तान (कुंडलिया)*

*पीड़ा हिंदू को हुई ,बाँटा हिंदुस्तान (कुंडलिया)*
———————————————–
पीड़ा हिंदू को हुई , बाँटा हिंदुस्तान
अपना घर अब बन गया , पाकिस्तानी शान
पाकिस्तानी शान , अरे लाहौर गँवाया
हिंदू का अंजाम ,ख्याल क्यों तनिक न आया
कहते रवि कविराय, विभाजन का यह कीड़ा
हिंदू को अभिशाप , बंधु हिंदू की पीड़ा
—————————————————-
*रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा*
*रामपुर (उत्तर प्रदेश)*
मोबाइल 99 97 61 5451

46 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
Shakil Alam
अभिमान
अभिमान
Shutisha Rajput
माता  रानी  का लगा, है सुंदर  दरबार।
माता रानी का लगा, है सुंदर दरबार।
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
आचार, विचार, व्यवहार और विधि एक समान हैं तो रिश्ते जीवन से श
आचार, विचार, व्यवहार और विधि एक समान हैं तो रिश्ते जीवन से श
विमला महरिया मौज
लिखता हम त मैथिल छी ,मैथिली हम नहि बाजि सकैत छी !बच्चा सभक स
लिखता हम त मैथिल छी ,मैथिली हम नहि बाजि सकैत छी !बच्चा सभक स
DrLakshman Jha Parimal
वो क़ुदरत का दिया हुआ है,
वो क़ुदरत का दिया हुआ है,
*Author प्रणय प्रभात*
तूफ़ानों से लड़करके, दो पंक्षी जग में रहते हैं।
तूफ़ानों से लड़करके, दो पंक्षी जग में रहते हैं।
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
गरमी लाई छिपकली, छत पर दीखी आज (कुंडलिया)
गरमी लाई छिपकली, छत पर दीखी आज (कुंडलिया)
Ravi Prakash
बेटियां
बेटियां
Neeraj Agarwal
विषय -घर
विषय -घर
rekha mohan
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सत्य ही शिव
सत्य ही शिव
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बड़ी ठोकरो के बाद संभले हैं साहिब
बड़ी ठोकरो के बाद संभले हैं साहिब
Jay Dewangan
दुविधा
दुविधा
Shyam Sundar Subramanian
"मन भी तो पंछी ठहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
"ब्रेजा संग पंजाब"
Dr Meenu Poonia
वो बीते हर लम्हें याद रखना जरुरी नही
वो बीते हर लम्हें याद रखना जरुरी नही
'अशांत' शेखर
बरसात
बरसात
surenderpal vaidya
💐प्रेम कौतुक-415💐
💐प्रेम कौतुक-415💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आँख से अपनी अगर शर्म-ओ-हया पूछेगा
आँख से अपनी अगर शर्म-ओ-हया पूछेगा
Fuzail Sardhanvi
पति पत्नि की नोक झोंक व प्यार (हास्य व्यंग)
पति पत्नि की नोक झोंक व प्यार (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
Anand Kumar
लटक गयी डालियां
लटक गयी डालियां
ashok babu mahour
प्यार ना सही पर कुछ तो था तेरे मेरे दरमियान,
प्यार ना सही पर कुछ तो था तेरे मेरे दरमियान,
Vishal babu (vishu)
दर्द भरा गीत यहाँ गाया जा सकता है Vinit Singh Shayar
दर्द भरा गीत यहाँ गाया जा सकता है Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
कीच कीच
कीच कीच
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गुरुवर
गुरुवर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वक़्त का आईना
वक़्त का आईना
Shekhar Chandra Mitra
हर शय¹ की अहमियत होती है अपनी-अपनी जगह
हर शय¹ की अहमियत होती है अपनी-अपनी जगह
_सुलेखा.
लोग आते हैं दिल के अंदर मसीहा बनकर
लोग आते हैं दिल के अंदर मसीहा बनकर
कवि दीपक बवेजा
Loading...