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25 Apr 2020 · 1 min read

पिय की छवि

पिय की छवि ऐसी बसी, और न भावै कोय।
मन रोवै दै हूकरी, जिस दिन दरश न होय।।

प्रेम का पथ है अनन्त, नहि इसका है अंत।
प्रेम बिना है जिंदगी, सुख में लगा हलंत।।

जयन्ती प्रसाद शर्मा

Language: Hindi
Tag: दोहा
1 Like · 231 Views

Books from Jayanti Prasad Sharma

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