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29 Apr 2020 · 1 min read

पिता

रहता है सदा हाँथ सर पे
धूप से बचाता छाता जैसे
कठोर भी है कोमल भी वो
नारियल के ऐसे रहता जैसे

कमी नहीं होने देते कुछ भी
चाहे जैसे हो करते सबकुछ
आभास नहीं होने देते है
अंदर ही सहते सबकुछ

पिता ही है हमारी पहचान
जो बनाते जीवन को आधार
हर पल हमारा साथ वो देते
करते हमारे जीवन को साकार

धूप में ऐसे ठण्डी छाया जैसे
देते हमारे जीवन को आकार
हर पल हमारा साथ वो देते
रहता है हमसे ही सरोकार

सोहबत है उनका हर समय
बच्चों पे रहता उनका करम
प्यार स्नेह भरपूर भरा दिल
यही मानते वो उनका धरम

Mamta Rani

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 4 Comments · 222 Views

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