Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2023 · 1 min read

सत्यबोध

मैने जिन्दगी के हर सफे को पलट करके देखा!
जो अब तलक न कर सका उसे झट करके देखा!!
इसी उलट-पलट मे न जाने कब जिन्दगी चुक गई?
दोस्त ज़नाजे मे जो आए तो मैने उठ करके देखा!!
किसी को मेरे जाने गम नही,न कोई चेहरे शिकन!
हुई खामख्वाह जिन्दगी बर्बाद, पलट करके देखा!!
‘बोधिसत्व’को तब जाकर हुआ सत्य का यह बोध!
बेमानी वक्त बाजीगरी, सिलवटै पलट करके देखा!!

Language: Hindi
284 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Bodhisatva kastooriya
View all
You may also like:
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
दिल की बात
दिल की बात
Ranjeet kumar patre
*नदियाँ पेड़ पहाड़ (कुंडलिया)*
*नदियाँ पेड़ पहाड़ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" अगर "
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदगी के मर्म
ज़िंदगी के मर्म
Shyam Sundar Subramanian
शब्द
शब्द
Mamta Rani
मेरा भारत देश
मेरा भारत देश
Shriyansh Gupta
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
होते फलित यदि शाप प्यारे
होते फलित यदि शाप प्यारे
Suryakant Dwivedi
वसंत के दोहे।
वसंत के दोहे।
Anil Mishra Prahari
* भैया दूज *
* भैया दूज *
surenderpal vaidya
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
परिस्थितियों को चीरते हुए निकल जाओ,
परिस्थितियों को चीरते हुए निकल जाओ,
Ajit Kumar "Karn"
प्यार में बदला नहीं लिया जाता
प्यार में बदला नहीं लिया जाता
Shekhar Chandra Mitra
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
Dr Archana Gupta
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
sushil sarna
कुत्ते का श्राद्ध
कुत्ते का श्राद्ध
Satish Srijan
इश्क़ से अपने कुछ चुने लम्हें
इश्क़ से अपने कुछ चुने लम्हें
Sandeep Thakur
"उतावलेपन" और "बावलेपन" में कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं होता। दोनों "द
*प्रणय*
चाँद
चाँद
Atul "Krishn"
इज़्जत भरी धूप का सफ़र करना,
इज़्जत भरी धूप का सफ़र करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Where is love?
Where is love?
Otteri Selvakumar
जीवन में प्राकृतिक ही  जिंदगी हैं।
जीवन में प्राकृतिक ही जिंदगी हैं।
Neeraj Agarwal
कूड़े के ढेर में
कूड़े के ढेर में
Dr fauzia Naseem shad
4) “एक और मौक़ा”
4) “एक और मौक़ा”
Sapna Arora
**प्याला जहर का हमें पीना नहीं**
**प्याला जहर का हमें पीना नहीं**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शीर्षक:-मित्र वही है
शीर्षक:-मित्र वही है
राधेश्याम "रागी"
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
शेखर सिंह
Try to find .....
Try to find .....
पूर्वार्थ
4131.💐 *पूर्णिका* 💐
4131.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...