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4 May 2022 · 1 min read

पिता

हर गम उठता है फिर भी ओ मुस्कुराता है
इस धरती पर देव तुल्य ओ पिता कहलाता है

कठीन परिश्रम कर के भी ओ नहीं थकता
हरदम बच्चों की राह ओ तकता
रूठे अगर तो हँस के ओ मनाता है
इस धरती पर देव तुल्य ओ पिता कहलाता है

दर्द उसे महसूस नहीं होता है
गम में भी ओ कभी नहीं रोता है
हर दुर्गुण से हमे ओ बचाता है
इस धरती पर देव तुल्य ओ पिता कहलाता है

हम हो जाएं कामयाब अगर
पूरे हो जाएं हमारे ख्वाब अगर
हम से ज्यादा ओ खुश हो जाता है
इस धरती पर देव तुल्य ओ पिता कहलाता है

बिन मांगे सब कुछ लाता है
और प्यार से गले लगाता है
देख जिसे बच्चों को चैन आता है
इस धरती पर देव तुल्य ओ पिता कहलाता है.
समाप्त
———
राजीव विशाल (रोहतासी)
मो-8210666825
9103279819

3 Likes · 3 Comments · 278 Views
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