Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2023 · 1 min read

पिता संघर्ष की मूरत

पिता संघर्ष की मूरत

तुम्हें हँसाने की खातिर, कितनी बार समझौता किया ,
तुम्हें पढ़ाने की खातिर, बैंक बैलेंस भी खाली किया !!
नौकरी दिलवाने की खातिर,
कितना ही संघर्ष किया !!

मकान बनाने की खातिर बैंकों से कितना कर्ज लिया !!
दुख छुपाने की खातिर,
जाने कितने नाटक किए !!

माँ तो फिर भी एहसास दिलाती है कि वह तुम्हें कितना चाहती है !!

पर पिता ने कितने दर्द सहे, वे उन्होंने तुम्हें कब कहे !!
पिता के घर में पली बेटी,शादी के बाद हो गई पराई,
अब वह पिता के हक से नहीं, पति के हुकुम से है मायके आई !!
आते ही करने लगी ससुराल की बढ़ाई,
आज शॉपिंग ज्यादा करने के कारण पिता से अच्छे से मिल भी नहीं पाई !!

दामाद को खुश रखने की खातिर न जाने कहाँ-कहाँ से जमापूंजी शादी पर है लुटाई !!

तुम्हें नए कपड़े दिलवाने की खातिर,
न जाने पिता ने कितनी बार अपनी पुरानी कमीज है सिलवाई !!

तुम्हें बसाने की खातिर न जाने, उस पिता ने कितनी बार अपनी बहू की है डांट खाई।

फिर भी पूछते हैं बच्चें कि पिता ने जीवन भर की ही क्या कमाई ???

बुरी औलादें तो उन्हें मरने के लिए वृध्दआश्रम छोड़ आई !!

पिता संघर्ष की मूरत है, यह बात केवल अच्छी औलादें ही है जान पाई !!

Language: Hindi
1 Like · 91 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajni kapoor
View all
You may also like:
2459.पूर्णिका
2459.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आओ तुम
आओ तुम
sangeeta beniwal
आप चेहरा बदल के मिलियेगा
आप चेहरा बदल के मिलियेगा
Dr fauzia Naseem shad
तुम मुझे भुला ना पाओगे
तुम मुझे भुला ना पाओगे
Ram Krishan Rastogi
💐क्रिया वास्तविकतायां जड़:💐
💐क्रिया वास्तविकतायां जड़:💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
फूल
फूल
Neeraj Agarwal
🏛️ *दालान* 🏛️
🏛️ *दालान* 🏛️
सुरेश अजगल्ले"इंद्र"
आशाओं के दीप.....
आशाओं के दीप.....
Chandra Prakash Patel
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हो भविष्य में जो होना हो, डर की डर से क्यूं ही डरूं मैं।
हो भविष्य में जो होना हो, डर की डर से क्यूं ही डरूं मैं।
Sanjay ' शून्य'
दिल और गुलाब
दिल और गुलाब
Vikas Sharma'Shivaaya'
ऐ जिन्दगी
ऐ जिन्दगी
Anamika Singh
ना जाने सुबह है या शाम,
ना जाने सुबह है या शाम,
Madhavi Srivastava
दफन
दफन
Dalveer Singh
भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज ।
भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज ।
Mahendra Narayan
फेसबूक के पन्नों पर चेहरे देखकर उनको पत्र लिखने का मन करता ह
फेसबूक के पन्नों पर चेहरे देखकर उनको पत्र लिखने का मन करता ह
DrLakshman Jha Parimal
सोशल मीडिया पर नकेल
सोशल मीडिया पर नकेल
Shekhar Chandra Mitra
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें।
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें।
निकेश कुमार ठाकुर
पशु पक्षियों
पशु पक्षियों
Surya Barman
धीरे धीरे
धीरे धीरे
रवि शंकर साह
पुलवामा अटैक
पुलवामा अटैक
Surinder blackpen
*रखो सम्मोहक बोली 【कुंडलिया】*
*रखो सम्मोहक बोली 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
बहुत ही महंगा है ये शौक ज़िंदगी के लिए।
बहुत ही महंगा है ये शौक ज़िंदगी के लिए।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रंग भी रंगीन होते है तुम्हे छूकर
रंग भी रंगीन होते है तुम्हे छूकर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
पहले क्या करना हमें,
पहले क्या करना हमें,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
The Digi Begs [The Online Beggars]
The Digi Begs [The Online Beggars]
AJAY AMITABH SUMAN
वो अपना अंतिम मिलन..
वो अपना अंतिम मिलन..
Rashmi Sanjay
जाने कैसी कैद
जाने कैसी कैद
Saraswati Bajpai
रिश्ते दिलों के अक्सर इसीलिए
रिश्ते दिलों के अक्सर इसीलिए
Amit Pandey
Loading...