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28 Apr 2022 · 1 min read

पिता अम्बर हैं इस धारा का

पिता अम्बर हैं इस धारा का
मैं हूं उनकी नन्ही परी
पिता जादूगर हैं मेरी दुनिया की
मैं हूं उनकी जादू की छड़ी
पिता अरमां है मेरे सपने के
मैं हूं उनकी खुशियों की झड़ी
बिन मुझे देखें, उनकी सुबह-शाम ना होती
जैसे मैं हूं खुशियों की जादुई दर्पण उनकी
पिता समुद्र हैं मेरी खुशियों की
मैं हूं उनकी जल परी
पिता ज्ञान दीप है मेरे संस्कार की
मैं हूं उनकी अभिमान रानी
पिता मेरे जीवन की पहचान है
मैं हूं उनकी बिटिया रानी।
पिता मेरे होंठों की मुस्कान हैं
मैं हूं उनकी बाल परी

नीतू साह
हुसेना बंगरा, सीवान-बिहार

8 Likes · 6 Comments · 415 Views
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