Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2024 · 1 min read

पितरों का लें आशीष…!

पितरों का लें आशीष सदा हम,
जो काम बहुत ही आते हैं ।
कर्मपथ यदि बाधित हुआ तो,
सपनों में फिर वो आ जाते हैं।

मातु-पिता अनुराग हृदय हो,
फिर स्नेह सुधा वो बरसाते हैं।
रहता घर-घर सुखमय वैभव,
जब मंगलगीत हम सुनाते हैं।

निखरता है तपकर कोई ,
कोई टूटकर है बिखर जाता।
यदि पितरों की हो कृपादृष्टि,
हर मुश्किल हल हो जाते हैं।

मनोभाव में भरकर श्रद्धा असीम ,
हर रीत-रिवाजों में उन्हें बस याद करें।
पाकर अदृश्य शक्तिपूंज चहुंओर,
हम धन्य-धन्य हो जाते हैं।

पितरों का लें आशीष सदा हम,
जो काम बहुत ही आते हैं…

मौलिक और स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – १४/०९/२०२४ ,
भाद्रपद, शुक्ल पक्ष, एकादशी,शनिवार
विक्रम संवत २०८१
मोबाइल न. – 8757227201
ई-मेल – mk65ktr@gmail.com

2 Likes · 76 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all

You may also like these posts

चिड़िया ( World Sparrow Day )
चिड़िया ( World Sparrow Day )
Indu Nandal
अब   छंद  ग़ज़ल  गीत सुनाने  लगे  हैं हम।
अब छंद ग़ज़ल गीत सुनाने लगे हैं हम।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
*खुशी लेकर चली आए, सभी के द्वार दीवाली (हिंदी गजल)*
*खुशी लेकर चली आए, सभी के द्वार दीवाली (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
भारत के वायु वीर
भारत के वायु वीर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पाते हैं आशीष जो,
पाते हैं आशीष जो,
sushil sarna
कविता
कविता
Rambali Mishra
ग़ज़ल (याद ने उसकी सताया देर तक)
ग़ज़ल (याद ने उसकी सताया देर तक)
डॉक्टर रागिनी
6
6
Davina Amar Thakral
मेरा अक्स
मेरा अक्स
Chitra Bisht
सलाम
सलाम
Dr.S.P. Gautam
मुझे  किसी  से गिला  नहीं  है।
मुझे किसी से गिला नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बाल कविता: मूंगफली
बाल कविता: मूंगफली
Rajesh Kumar Arjun
औरत हूं मैं✍️❣️
औरत हूं मैं✍️❣️
Swara Kumari arya
गजल
गजल
जगदीश शर्मा सहज
👌2029 के लिए👌
👌2029 के लिए👌
*प्रणय*
अंधेरी झाड़ी
अंधेरी झाड़ी
C S Santoshi
धिक्कार
धिक्कार
Dr. Mulla Adam Ali
आओ हम तुम संग चाय पीते हैं।
आओ हम तुम संग चाय पीते हैं।
Neeraj Agarwal
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
gurudeenverma198
शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता
शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता
Shreedhar
"ख़्वाहिश"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल _ नहीं भूल पाए , ख़तरनाक मंज़र।
ग़ज़ल _ नहीं भूल पाए , ख़तरनाक मंज़र।
Neelofar Khan
जीवन को जीवन की तरह ही मह्त्व दे,
जीवन को जीवन की तरह ही मह्त्व दे,
रुपेश कुमार
जीवन : एक अद्वितीय यात्रा
जीवन : एक अद्वितीय यात्रा
Mukta Rashmi
कर्म योग
कर्म योग
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
! विकसित भारत !!
! विकसित भारत !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
डाल-डाल तुम होकर आओ, पात-पात मैं आता हूँ।
डाल-डाल तुम होकर आओ, पात-पात मैं आता हूँ।
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
रफू भी कितना करे दोस्ती दुश्मनी को,
रफू भी कितना करे दोस्ती दुश्मनी को,
Ashwini sharma
15, दुनिया
15, दुनिया
Dr .Shweta sood 'Madhu'
"पुराने दिन"
Lohit Tamta
Loading...