Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2022 · 1 min read

पार्क

..रात के अंधेरे में उदास पार्क सूखा-सा, डरा हुआ निस्तब्ध। अब सुबह कितना उन्मुक्त है चारों ओर हरियाली जैसे वृक्ष हिल रहे हो और पौधे नाच रहे हो, घास पर चिमटी ओस की बूंदे और शफ़ाफ़ आसमां। दूर टैरेस के पीछे से निकलता लाल सूरज अब धीरे-धीरे ‘क्लोज-अप’ होने लगा है..। मनोज शर्मा

Language: Hindi
2 Likes · 58 Views
You may also like:
त्योहार पक्ष
त्योहार पक्ष
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रूकतापुर...
रूकतापुर...
Shashi Dhar Kumar
मुझमें रह गए
मुझमें रह गए
विनोद सिल्ला
" जाड्डडो आगयो"
Dr Meenu Poonia
कोटेशन ऑफ डॉ. सीमा
कोटेशन ऑफ डॉ. सीमा
Dr.sima
■ ख़ुद की निगरानी
■ ख़ुद की निगरानी
*Author प्रणय प्रभात*
क्षणिक स्वार्थ में हो रहे, रिश्ते तेरह तीन।
क्षणिक स्वार्थ में हो रहे, रिश्ते तेरह तीन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बेटी बचाओ
बेटी बचाओ
Shekhar Chandra Mitra
स्वप्न सुंदरी तेरा नाम है क्या
स्वप्न सुंदरी तेरा नाम है क्या
आलोक पांडेय
बाल कहानी - सुन्दर संदेश
बाल कहानी - सुन्दर संदेश
SHAMA PARVEEN
*कंधों में अब दम ही कब है, अर्थी कैसे ढोयेंगे (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*कंधों में अब दम ही कब है, अर्थी कैसे ढोयेंगे...
Ravi Prakash
फूली सरसों…
फूली सरसों…
Rekha Drolia
अपनी सीमाओं को लांगा
अपनी सीमाओं को लांगा
कवि दीपक बवेजा
इमोजी कहीं आहत न कर दे
इमोजी कहीं आहत न कर दे
Dr fauzia Naseem shad
बसंत
बसंत
नूरफातिमा खातून नूरी
'ण' माने कुच्छ नहीं
'ण' माने कुच्छ नहीं
Satish Srijan
आजादी में नहीं करें हम
आजादी में नहीं करें हम
gurudeenverma198
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
मिलना है तुमसे
मिलना है तुमसे
Rashmi Sanjay
तख़्ता डोल रहा
तख़्ता डोल रहा
Dr. Sunita Singh
परछाइयों के शहर में
परछाइयों के शहर में
Surinder blackpen
"साजन लगा ना गुलाल"
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
सफ़र
सफ़र
Er.Navaneet R Shandily
कोशिशें तो की तुम्हे भूल जाऊं।
कोशिशें तो की तुम्हे भूल जाऊं।
Taj Mohammad
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
💐कुड़ी तें लग री शाइनिंग💐
💐कुड़ी तें लग री शाइनिंग💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"तस्वीर"
Dr. Kishan tandon kranti
दुल्हन
दुल्हन
Kavita Chouhan
होली...
होली...
Aadarsh Dubey
जीवनमंथन
जीवनमंथन
Shyam Sundar Subramanian
Loading...