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1 May 2022 · 1 min read

पहली मुहब्बत थी वो

हृदय पत्रिका पर प्रणय की कहानी।
नही भूल पाया वो यादें पुरानी।
हमारी हक़ीक़त थी वो।
पहली मुहब्बत थी वो।

नयन से नयन जब ये परिचित हुए थे।
वो दिल में हमारे प्रतिष्ठित हुए थे।
शुरू हो गया सिलसिला प्यार का फिर,
गली गांव में नाम चर्चित हुए थे।

मैं दिन रात उसके सपन देखता था।
सजी सेज पर इक दुल्हन देखता था।
बड़ी खूबसूरत थी वो।
पहली मुहब्बत थी वो।

मैं बर्बाद करता रहा व्यर्थ धन को।
प्रतीक्षित रहे एक उसके चयन को।
रखेगी हिना हाथ मम नाम की वो,
मैं सच मान बैठा था उसके कहन को।

उसे प्यार इतना अपरमित किया था।
की सर्वस्व अपना समर्पित किया था।
हमारी जरूरत थी वो।
पहली मुहब्बत थी वो।

मिलन की वो अंतिम अशुभ रात आयी।
वो कहने अकल्पित मुझे बात आयी।
शिथिल रह गया था हृदय तब हमारा,
ज्यों बोली कि द्वारे पे बारात आयी।

नही तोड़ पाया था उसकी क़सम को।
किया हँस के स्वीकार हर एक ग़म को
हमारी शराफ़त थी वो।
पहली मुहब्बत थी वो।

अभिनव मिश्र अदम्य

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 477 Views
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