Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2024 · 1 min read

पहली दफ़ा कुछ अशुद्धियाॅं रह सकती है।

पहली दफ़ा कुछ अशुद्धियाॅं रह सकती है।
भलाई इसी में है कि उसे दोहरा लिया करो…
इस घमंड मे मत रहो कि सदैव हम सही हैं।
गलतियाॅं कभी भी, किसी से भी हो सकती है!
इसीलिए एक बार कुछ भी लिखने के बाद…
दोहराव की नीति तुरंत अपना लिया करो!
…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 28 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
सत्य की जय
सत्य की जय
surenderpal vaidya
तौबा ! कैसा यह रिवाज
तौबा ! कैसा यह रिवाज
ओनिका सेतिया 'अनु '
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
Surinder blackpen
मुर्शिद क़दम-क़दम पर नये लोग मुन्तज़िर हैं हमारे मग़र,
मुर्शिद क़दम-क़दम पर नये लोग मुन्तज़िर हैं हमारे मग़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#प्रसंगवश-
#प्रसंगवश-
*प्रणय प्रभात*
रामायण  के  राम  का , पूर्ण हुआ बनवास ।
रामायण के राम का , पूर्ण हुआ बनवास ।
sushil sarna
# खरी बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
अधूरी दास्तान
अधूरी दास्तान
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
प्रेम शाश्वत है
प्रेम शाश्वत है
Harminder Kaur
विकट संयोग
विकट संयोग
Dr.Priya Soni Khare
आब-ओ-हवा
आब-ओ-हवा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
!! पुलिस अर्थात रक्षक !!
!! पुलिस अर्थात रक्षक !!
Akash Yadav
चाँद
चाँद
TARAN VERMA
#कुछ खामियां
#कुछ खामियां
Amulyaa Ratan
जन-जन के आदर्श तुम, दशरथ नंदन ज्येष्ठ।
जन-जन के आदर्श तुम, दशरथ नंदन ज्येष्ठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
Dr. Upasana Pandey
देव दीपावली
देव दीपावली
Vedha Singh
दोहे
दोहे
Suryakant Dwivedi
ये दुनिया गोल है
ये दुनिया गोल है
Megha saroj
एकांत में रहता हूँ बेशक
एकांत में रहता हूँ बेशक
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
gurudeenverma198
*******खुशी*********
*******खुशी*********
Dr. Vaishali Verma
कौन कहता है कि नदी सागर में
कौन कहता है कि नदी सागर में
Anil Mishra Prahari
U888
U888
u888tube
माँ
माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रदीप माहिर
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
*ईख (बाल कविता)*
*ईख (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मेरे दो बेटे हैं
मेरे दो बेटे हैं
Santosh Shrivastava
Loading...