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10 Aug 2024 · 1 min read

*पल दो पल मेरे साथ चलो*

पल दो पल मेरे साथ चलो
***********************

पल दो पल मेरे साथ चलो,
सपनों के तुम उस पार चलो।

हमराही बन कर राह चुनो,
हाथों में दे कर हाथ चलो।

पीछे हिमगिरि आगे आग लगी,
कुछ आगे तो कुछ बाद चलो।

पल-भर में बिगड़ी बात बने,
ऐसी कोई तुम चाल चलो।

पथ में मनसीरत ढाल बना,
पूरा दिन सारी रात चलो।
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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