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31 Jan 2023 · 1 min read

*पलटते बाजी आँसू (कुंडलिया)*

पलटते बाजी आँसू (कुंडलिया)
_____________________________
आँसू जग में मानिए ,सर्वोत्तम हथियार
इसके आगे फेल हैं , बंदूकें – तलवार
बंदूकें – तलवार , वही इस जग में भारी
रखता हरदम साथ ,आँसुओं की तैयारी
कहते रवि कविराय , उसी के आँसू धाँसू
निकले कभी-कभार ,पलटते बाजी आँसू
______________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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