जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
मुझमे तुझमे , यहीं कहीं आसपास हैं ईश्वर
किसी के जीवन की कहानी के कहानीकार हैं ईश्वर
तो किसी के संगीतमय जीवन के संगीतकार हैं ईश्वर
कहीं भक्तिपूर्ण जीवन का भक्तिरस हैं ईश्वर
किसी के जीवन की रातरानी , तो कहीं पलाश हैं ईश्वर
मन की आँखों पर विश्वास जो करो , तो आसपास हैं ईश्वर
किसी की आँखों की चमक , तो कहीं अश्रुधार का विस्तार हैं ईश्वर
फूलों में , काँटों में , सुगंध के बाज़ार में ईश्वर
तन में – मन में , अंतर्मन में विराजमान हैं ईश्वर
गोविन्द में , शिव में , अल्लाह में , बुद्ध में ईश्वर
महावीर में , जीसस में , सच्चे बादशाह में ईश्वर
भक्ति से मोक्ष की राह का दीदार करा दें वो हैं ईश्वर
पाप – पुण्य से मुक्त कर जो संत बना दे , वो हैं ईश्वर
मानव को जो मानव होने का बोध करा दें , वो हैं ईश्वर
गुरु को जो खुद से श्रेष्ठ बता दें , वो हैं ईश्वर
वन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
मुझमे तुझमे , यहीं कहीं आसपास हैं ईश्वर
किसी के जीवन की कहानी के कहानीकार हैं ईश्वर
तो किसी के संगीतमय जीवन के संगीतकार हैं ईश्वर ||
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “