Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2023 · 1 min read

पर दारू तुम ना छोड़े

दारू घर में मार कराये, रिश्ते सारे तोड़े.
छोड़ दिये सगे सहोदर, पर दारू तुम ना छोड़े.
पर दारू तुम ना छोड़े.

डूब गये सब संस्कार, बापू जो सिखलाये थे.
आँसू बहाती अम्मा जी भी, गयीं हाथ को जोड़े.
पर दारू तुम ना छोड़े.

पाल रही है जुगनी, बच्चों को जैसे तैसे.
राशन लाने को कही, तो बोतल सर पर फोड़े.
पर दारू तुम ना छोड़े.

फीस तगादे बच्चे सुनते, यार भी खूब चिढाते.
नये बहाने रोज ही करते, पाते है दस कोड़े.
पर दारू तुम ना छोड़े.

मुकेश श्रीवास्तव

Language: Hindi
1 Like · 358 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

धर्म की खूंटी
धर्म की खूंटी
मनोज कर्ण
नरभक्षी एवं उसका माँ-प्यार
नरभक्षी एवं उसका माँ-प्यार
Dr MusafiR BaithA
3469🌷 *पूर्णिका* 🌷
3469🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
शब्द की महिमा
शब्द की महिमा
ललकार भारद्वाज
यक़ीनन मुझे मरके जन्नत मिलेगी
यक़ीनन मुझे मरके जन्नत मिलेगी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
इतिहास
इतिहास
अंकित आजाद गुप्ता
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
हम करें तो...
हम करें तो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
मुझको उनसे क्या मतलब है
मुझको उनसे क्या मतलब है
gurudeenverma198
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
जिन्दगी की शाम
जिन्दगी की शाम
Bodhisatva kastooriya
"ऐ मितवा"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
Shweta Soni
मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं
मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं
अंसार एटवी
दुनिया के चकाचौंध में मत पड़ो
दुनिया के चकाचौंध में मत पड़ो
Ajit Kumar "Karn"
दिल के मकान का
दिल के मकान का
Minal Aggarwal
शुभ
शुभ
*प्रणय*
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
surenderpal vaidya
.......शेखर सिंह
.......शेखर सिंह
शेखर सिंह
विजय - पर्व संकल्प
विजय - पर्व संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
- तुम्हे अब न अपनाऊंगा -
- तुम्हे अब न अपनाऊंगा -
bharat gehlot
दान
दान
Shashi Mahajan
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
पूर्वार्थ
उन्मादी चंचल मन मेरे...
उन्मादी चंचल मन मेरे...
Priya Maithil
दिल का तुमसे सवाल
दिल का तुमसे सवाल
Dr fauzia Naseem shad
"सोच खा जाती हैं"
ओसमणी साहू 'ओश'
वोट डालने जाना है
वोट डालने जाना है
जगदीश शर्मा सहज
मी ठू ( मैं हूँ ना )
मी ठू ( मैं हूँ ना )
Mahender Singh
*बातें बनती-बनती बिगड़ती हैँ*
*बातें बनती-बनती बिगड़ती हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...