पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं

पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
हवाओं से भी प्यार लूंगा मैं ,
तुम विरोध में आ भी जाओ
तुम्हारा क्या बिगाड़ लूंगा मैं !!
✍️कवि दीपक सरल
पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
हवाओं से भी प्यार लूंगा मैं ,
तुम विरोध में आ भी जाओ
तुम्हारा क्या बिगाड़ लूंगा मैं !!
✍️कवि दीपक सरल