Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 1 min read

परिवार

(१)
कितना सुंदर लगता है जब, सामूहिक परिवार हो,
दादा दादी की शिक्षा, भाई बहनों का प्यार हो ।
मात पिता के संस्कार, सब एक दूसरे के पूरक,
आज कहां आनंद रहा जब, विघटित घर परिवार हो ।।

(२)
हँसते खिलते तन-मन मंदिर, दिल में अप्रतिम प्यार है,
दुख- दर्दों की ऐसी- तैसी, संग में जब परिवार है ।
परिजन के आशीष रहें और स्नेहातुर अपने जन हों,
‘नवल’ क्या करे तीरथ में, घर में काशी हरिद्वार है।।

– नवीन जोशी ‘नवल’

Language: Hindi
2 Likes · 55 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शिक्षित बने ।
शिक्षित बने ।
Buddha Prakash
प्यार और नफ़रत
प्यार और नफ़रत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वर्णमाला हिंदी grammer by abhijeet kumar मंडल(saifganj539 (
वर्णमाला हिंदी grammer by abhijeet kumar मंडल(saifganj539 (
Abhijeet kumar mandal (saifganj)
(19) तुझे समझ लूँ राजहंस यदि----
(19) तुझे समझ लूँ राजहंस यदि----
Kishore Nigam
💐प्रेम कौतुक-175💐
💐प्रेम कौतुक-175💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पितृ दिवस की शुभकामनाएं
पितृ दिवस की शुभकामनाएं
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
■ मुक़ाबला जारी...।।
■ मुक़ाबला जारी...।।
*Author प्रणय प्रभात*
दिले यार ना मिलते हैं।
दिले यार ना मिलते हैं।
Taj Mohammad
✍️गलती ✍️
✍️गलती ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
पिता
पिता
Shailendra Aseem
✍️चराग बुझा गयी✍️
✍️चराग बुझा गयी✍️
'अशांत' शेखर
ज़िन्दगी इतना तो
ज़िन्दगी इतना तो
Dr fauzia Naseem shad
राजनीति हलचल
राजनीति हलचल
Dr. Sunita Singh
हे माधव
हे माधव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
पुण्य धरा भारत माता
पुण्य धरा भारत माता
surenderpal vaidya
दुआ
दुआ
Alok Saxena
दरक जाती हैं दीवारें  यकीं ग़र हो न रिश्तों में
दरक जाती हैं दीवारें यकीं ग़र हो न रिश्तों में
Mahendra Narayan
क्यों हो गए हम बड़े
क्यों हो गए हम बड़े
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सच है, दुनिया हंसती है
सच है, दुनिया हंसती है
Saraswati Bajpai
चंद एहसासात
चंद एहसासात
Shyam Sundar Subramanian
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आ जाते जो एक बार
आ जाते जो एक बार
Kavita Chouhan
मेरी कलम
मेरी कलम
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
आपकी तरहां मैं भी
आपकी तरहां मैं भी
gurudeenverma198
चूड़ियां
चूड़ियां
Madhavi Srivastava
تہذیب بھلا بیٹھے
تہذیب بھلا بیٹھے
Ahtesham Ahmad
नसीब में था अकेलापन,
नसीब में था अकेलापन,
Umender kumar
दिल की बात
दिल की बात
rkchaudhary2012
सत्य (कुंडलिया)
सत्य (कुंडलिया)
Ravi Prakash
तेरी फ़ितरत, तेरी कुदरत
तेरी फ़ितरत, तेरी कुदरत
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...