Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2023 · 1 min read

परिवार

तिनका तिनका जोड़ के
उभरे नीड धरौंदा
हर जुडती ईंट बने
किस्से ,याद सलौना

कोठी खूब इतरा रही
खुश बांह अपनी फैलाए
दस कमरों की भीड़ में
गुम अपनों की आवाज़े

बंगला गर्व से दमक रहा
समेटे बगल में शान
नौकरों की भीड़ से
पड़ी हैं उसमें जान

जीवन भर की दौड़ से
बिखरे अन्य सब काम
लक्ष्य एक बना जीवन का
हो अपना ईक मकान

घटती धरती, बढती जिंदगी
शहरों में अजब घुसपैठ
भागदौड से विश्राम कब
जब पंहुचे अपने फ्लैट

जाने कंहा पर खो गई
उस धर की बुनियाद
तीन पीढ़ी हर पल करती थी
परिवार एकसाथ होने पर नाज

Language: Hindi
3 Likes · 90 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sandeep Pande
View all
You may also like:
मेरे देश के लोग
मेरे देश के लोग
Shekhar Chandra Mitra
निर्बल होती रिश्तो की डोर
निर्बल होती रिश्तो की डोर
Sandeep Pande
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
" जब तुम्हें प्रेम हो जाएगा "
Aarti sirsat
2324.पूर्णिका
2324.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
श्री राम का जीवन– गीत
श्री राम का जीवन– गीत
Abhishek Soni
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
Neeraj Agarwal
वो मुझ को
वो मुझ को "दिल" " ज़िगर" "जान" सब बोलती है मुर्शद
Vishal babu (vishu)
Book of the day: मालव (उपन्यास)
Book of the day: मालव (उपन्यास)
Sahityapedia
■ आजकल
■ आजकल
*Author प्रणय प्रभात*
कब आओगे ,श्याम !( श्री कृष्ण जन्माष्टमी विशेष )
कब आओगे ,श्याम !( श्री कृष्ण जन्माष्टमी विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
*हर ऑंगन हो उठे प्रकाशित तम को हरते-हरते (मुक्तक)* _____________________________
*हर ऑंगन हो उठे प्रकाशित तम को हरते-हरते (मुक्तक)* _____________________________
Ravi Prakash
गिरते-गिरते गिर गया, जग में यूँ इंसान ।
गिरते-गिरते गिर गया, जग में यूँ इंसान ।
Arvind trivedi
फ़ितरत
फ़ितरत
Priti chaudhary
कोरोना - इफेक्ट
कोरोना - इफेक्ट
Kanchan Khanna
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कवि दीपक बवेजा
★प्रकृति: तथा तत्वबोधः★
★प्रकृति: तथा तत्वबोधः★
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिंदगी में ऐसा इंसान का होना बहुत ज़रूरी है,
जिंदगी में ऐसा इंसान का होना बहुत ज़रूरी है,
Mukesh Jeevanand
चांद पर पहुंचे बधाई, ये बताओ तो।
चांद पर पहुंचे बधाई, ये बताओ तो।
सत्य कुमार प्रेमी
कब मेरे मालिक आएंगे!
कब मेरे मालिक आएंगे!
Kuldeep mishra (KD)
रात बदरिया...
रात बदरिया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
पथिक तुम इतने विव्हल क्यों ?
पथिक तुम इतने विव्हल क्यों ?
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हम उलझते रहे हिंदू , मुस्लिम की पहचान में
हम उलझते रहे हिंदू , मुस्लिम की पहचान में
श्याम सिंह बिष्ट
कोठरी
कोठरी
Punam Pande
उदासी
उदासी
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
आबरू भी अपनी है
आबरू भी अपनी है
Dr fauzia Naseem shad
ज्योति कितना बड़ा पाप तुमने किया
ज्योति कितना बड़ा पाप तुमने किया
gurudeenverma198
मैं तो महज एहसास हूँ
मैं तो महज एहसास हूँ
VINOD KUMAR CHAUHAN
जियले के नाव घुरहूँ
जियले के नाव घुरहूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...