परिवार

वही सुखी परिवार है, जिसमें बातें चार
लाज, धर्म, सम्मान सँग,प्रेम भरा व्यवहार।
साथ साथ भोजन करें, लेवें प्रभु का नाम
मान बुजुर्गों का जहाँ, खुशियाँ वहाँ अपार।।
सूर्यकान्त द्विवेदी
वही सुखी परिवार है, जिसमें बातें चार
लाज, धर्म, सम्मान सँग,प्रेम भरा व्यवहार।
साथ साथ भोजन करें, लेवें प्रभु का नाम
मान बुजुर्गों का जहाँ, खुशियाँ वहाँ अपार।।
सूर्यकान्त द्विवेदी