Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2022 · 1 min read

जितनी ज्यादा चाह परिंदे।

जितनी ज्यादा चाह परिंदे।
मुश्किल उतनी राह परिंदे।

बैरी आज हुए हैं वो सब,
थी जिनकी परवाह परिंदे।

लगतीं मंज़िल सब आसां जो,
हो सच्चा हमराह परिंदे।

वक़्त बता देता है सबको,
किसकी कितनी थाह परिंदे।

जीवन के सब संघर्षों से,
करता चल आगाह परिंदे।

इतना मत तड़पाओ उसको,
दिल से निकले आह परिंदे।

कर्म करो कुछ ऐसे यारो,
हो महफ़िल में वाह परिंदे।

पंकज शर्मा “परिंदा”

2 Comments · 251 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
4783.*पूर्णिका*
4783.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सफलता की ओर
सफलता की ओर
Vandna Thakur
लक्ष्य
लक्ष्य
Suraj Mehra
The darkness engulfed the night.
The darkness engulfed the night.
Manisha Manjari
दोस्त और दोस्ती
दोस्त और दोस्ती
Anamika Tiwari 'annpurna '
बस चार ही है कंधे
बस चार ही है कंधे
Rituraj shivem verma
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
Shekhar Chandra Mitra
'आरक्षितयुग'
'आरक्षितयुग'
पंकज कुमार कर्ण
A last warning
A last warning
Bindesh kumar jha
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
Rj Anand Prajapati
"बदलाव"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे राम
मेरे राम
Ajay Mishra
“हम हो गए दीवाने”
“हम हो गए दीवाने”
DrLakshman Jha Parimal
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
Manoj Mahato
हाशिए पर ज़िंदगी
हाशिए पर ज़िंदगी
Dr. Rajeev Jain
तू अपने दिल का  गुबार  कहता है।
तू अपने दिल का गुबार कहता है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जूझ रहा था तालाब पानी के अभाव में।
जूझ रहा था तालाब पानी के अभाव में।
Vinay Pathak
दुनिया के डर से
दुनिया के डर से
Surinder blackpen
तुझसे है कितना प्यार
तुझसे है कितना प्यार
Vaishaligoel
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
आर.एस. 'प्रीतम'
महसूस तो होती हैं
महसूस तो होती हैं
शेखर सिंह
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
।।
।।
*प्रणय*
शिव सुखकर शिव शोकहर, शिव सुंदर शिव सत्य।
शिव सुखकर शिव शोकहर, शिव सुंदर शिव सत्य।
डॉ.सीमा अग्रवाल
स्वाभिमान
स्वाभिमान
अखिलेश 'अखिल'
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
*ढोलक (बाल कविता)*
*ढोलक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
इश्क़
इश्क़
हिमांशु Kulshrestha
तुमको हक है जिंदगी अपनी जी लो खुशी से
तुमको हक है जिंदगी अपनी जी लो खुशी से
VINOD CHAUHAN
मुझे जब भी तुम प्यार से देखती हो
मुझे जब भी तुम प्यार से देखती हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
Loading...