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22 Nov 2023 · 2 min read

पत्नी (दोहावली)

पत्नी पर दोहावली

होती पत्नी है सदा , जीवन में वरदान |
उसके बिन सूना लगे, जैसे सब वीरान ||

घर में पत्नी देखिए, मिलते रूप अनेक |
दादी अम्मा -मात की , रखती दिल में रेख ||

है बुजुर्ग वह गेह में , मीठी रखती डाट |
बड़ी समस्या सामने , पत्नी सोचे काट ||

आती पत्नी सामने , यदि पति का अपमान |
अवसर जब ऐसा मिले , दे सकती है जान ||

रौद्र रूप धारण करे , बने शीतला मात |
कभी प्यार शृंगार से , पत्नी करे प्रभात ||

भिड़ जाती यमराज से , बन सावित्री रूप |
पत्नी रानी रूप ले , पति को समझे भूप ||

पतिव्रता पत्नी सदा , रखती तेज प्रचंड |
हरता जो भी मान है , उसको देती दंड ||

घर में प्यार दुलार पर , पत्नी का अधिकार |
जीवन में रंगीन है , उसका शुचि शृंगार ||

कुछ हास्य मनोविनोद

बड़ी तपस्या से मिले , पत्नी नखरे बाज |
रखो समस्या गेह में , रहे गुप्त यह राज ||

पत्नी जब तक प्रेमिका , शक्कर -सा है प्रेम |
जिस दिन बनती मालकिन, बज उठता है गेम ||

सुबह शाम बस देखिए , दिखे प्रेमिका ओज |
शेष समय पत्नी तनी , चिक-चिक करती रोज ||

सपने में आती रहे , देकर जो मुस्कान |
बनकर पत्नी गेह में , लाती है तूफान ||

पत्नी जब तक प्रेमिका , हम सब है गुलफाम |
पर जोरू के एक दिन , बनते सभी गुलाम ||

जिसको उपमा में लिखा , पुष्पों की मकरंद |
जिस दिन पत्नी बन गई , सभी बिसरते छंद ||

चाँद सितारे तोड़ता , देकर जो आबाज |
वह पत्नी आदेश. पर , छीला करता प्याज ||

पहले चिट्ठी में लगे , पत्नी है ब्रम्हांड |
बिना पढ़े अब लें समझ , होगी कौन डिमांड ||

दोहे लिखे विनोद यह , पत्नी घर की शान |
कह सुभाष मानो उसे , जीवन में शुभ गान ||

पत्नी का सानिध्य है , ग्रीष्म ऋतु में शीत |
शीत काल में ग्रीष्म है , सदा तुम्हारी मीत ||

सुभाष सिंघई , जतारा

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 155 Views
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