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6 Oct 2016 · 1 min read

पति ने पटका देखकर….:हास्य ‘कुण्डलिया’

पत्नी घूमे यार सँग, करे प्रेम व्यवहार.
पति ने पटका देखकर, प्रेमी को दो बार.
प्रेमी को दो बार पटक, शाबासी पायी.
मार, घुमाता परनारी को, वह चिल्लाई,
चढ़ा प्रेम का जोश, पिटा पति, बोली घरनी.
स्वयं घुमाता नहीं, घुमाने ना दे, पत्नी.

इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

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