Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2016 · 1 min read

न पाल जमाने के गम

न पाल जमाने के गम उससे कया होगा
आज नहीं कल तू खुद से ही खफा होगा
******************************
देगा गऱ मकसद जिदगी को आज कोई
कल जमाना ही तेरे कदमों मे झुका होगा
******************************
कपिल कुमार
04/08/2016

Language: Hindi
255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"रिश्वत का खून लग जाने के बाद,
पूर्वार्थ
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
अश्विनी (विप्र)
गर तू गैरों का मुंह ताकेगा।
गर तू गैरों का मुंह ताकेगा।
Kumar Kalhans
सरकार भरोसे क्या रहना
सरकार भरोसे क्या रहना
Shekhar Chandra Mitra
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
Neelofar Khan
दोस्ती
दोस्ती
Phool gufran
प्यार है नही
प्यार है नही
SHAMA PARVEEN
*मोटी रिश्वत कैसे दें, यह बड़ी परेशानी है (हास्य हिंदी गजल)*
*मोटी रिश्वत कैसे दें, यह बड़ी परेशानी है (हास्य हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
#महाकुंभ
#महाकुंभ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
कामवासना मन की चाहत है,आत्मा तो केवल जन्म मरण के बंधनों से म
कामवासना मन की चाहत है,आत्मा तो केवल जन्म मरण के बंधनों से म
Rj Anand Prajapati
खेल था नसीब का,
खेल था नसीब का,
लक्ष्मी सिंह
चंद तहरीरो पर ज़ा या कर दूं किरदार वो नही मेरा
चंद तहरीरो पर ज़ा या कर दूं किरदार वो नही मेरा
पं अंजू पांडेय अश्रु
अंगराज कर्ण
अंगराज कर्ण
श्रीहर्ष आचार्य
सावन की बारिश
सावन की बारिश
Rambali Mishra
इशरत हिदायत ख़ान
इशरत हिदायत ख़ान
इशरत हिदायत ख़ान
लोगों को सत्य कहना अच्छा लगता है
लोगों को सत्य कहना अच्छा लगता है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*पंचचामर छंद*
*पंचचामर छंद*
नवल किशोर सिंह
चंदा मामा सुनो मेरी बात 🙏
चंदा मामा सुनो मेरी बात 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
“कवि की कविता”
“कवि की कविता”
DrLakshman Jha Parimal
यह मेरा भारत , यह मेरा गौरव
यह मेरा भारत , यह मेरा गौरव
एकांत
- जनता है त्रस्त नेता है मस्त -
- जनता है त्रस्त नेता है मस्त -
bharat gehlot
रिश्तों की बेशक न हो, लम्बी-खड़ी कतार
रिश्तों की बेशक न हो, लम्बी-खड़ी कतार
RAMESH SHARMA
*
*"मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम"*
Shashi kala vyas
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
दीपक बवेजा सरल
*Rising Waves*
*Rising Waves*
Veneeta Narula
कभी सोचा हमने !
कभी सोचा हमने !
Dr. Upasana Pandey
..
..
*प्रणय प्रभात*
गीत- अगर दिल से लगे मनहर...
गीत- अगर दिल से लगे मनहर...
आर.एस. 'प्रीतम'
विश्व टीकाकरण सप्ताह
विश्व टीकाकरण सप्ताह
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
संतोष विद्यार्थी जी के जन्मदिन पर
संतोष विद्यार्थी जी के जन्मदिन पर
Sudhir srivastava
Loading...